tag:blogger.com,1999:blog-19626989539084194102024-03-05T00:51:41.450-08:00अजय वार्ताAjay Tripathihttp://www.blogger.com/profile/09626682756610333149noreply@blogger.comBlogger80125tag:blogger.com,1999:blog-1962698953908419410.post-78032064704444617362014-09-27T22:02:00.002-07:002014-09-27T22:02:44.314-07:00<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
<br /></div>
Ajay Tripathihttp://www.blogger.com/profile/09626682756610333149noreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-1962698953908419410.post-84611138179634542882014-09-27T22:02:00.000-07:002014-09-27T22:02:07.667-07:00शक्ति स्वरूपा जगत जननी का पर्व नवरात्र <div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
<span style="background-color: white; font-family: 'Trebuchet MS', 'Helvetica Neue', Arial, Helvetica, sans-serif; line-height: 24px;">देवी भगवती माँ अम्बे काली दुर्गा </span><br />
<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;">
<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgZ9y61ZKhKoX74cUHT3RdMl_xuKD1qfjIO8U6xg68XB7rwoCfNwE-__cHa2DaUhjc45Z4Y6xAgMzLvhJTyCnHUUR109uQH_nvyrgNj12tscMoip4kkoS31bkxKLrD3znkM8-u5ybTGKNs/s1600/DSC_0148.jpg" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgZ9y61ZKhKoX74cUHT3RdMl_xuKD1qfjIO8U6xg68XB7rwoCfNwE-__cHa2DaUhjc45Z4Y6xAgMzLvhJTyCnHUUR109uQH_nvyrgNj12tscMoip4kkoS31bkxKLrD3znkM8-u5ybTGKNs/s1600/DSC_0148.jpg" height="320" width="260" /></a></div>
शक्ति स्वरूपा जगत जननी जेसे नामो से पूजी जाने वाली माँ के नो दिनों के उपासना का पर्व नवरात्री प्रारंभ हो गया माँ के नो दिनों में नो रूपों की पूजा उपासना की जाती है शक्ति प्राप्त करने साधना सिद्ध करने यह काल बहुत ही महत्व पूर्ण है सभी भको को उनकी साधना का फल मिले यही वंदना करते है</div>
Ajay Tripathihttp://www.blogger.com/profile/09626682756610333149noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-1962698953908419410.post-70705921766636163492013-10-14T23:10:00.000-07:002013-10-14T23:10:05.531-07:00रोता बिलखता छोड़ गया <div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
आज एक और नोजवान होनहार की मृत्यु ह्रदय घात से होगई ,इस समय जो भागम - भाग की जिंदगी होती जा रही है वो कितनी खतरनाक हो रही है इसका थोडा अंदाज लगाये और देश समाज के चिन्तक व्यवस्था बनाने विचार दे हम अपने बच्चों को अच्छी पढाई के लिए बाहर भेज रहे है फिर वे बाहर ही नोकरी कर रहे है खान पान ,रहन सहन से प्रभावित होता ब्रह्मन्तव पर अभी पिचले दिनों हमने चिंतन किया था .............<br />
आज हमारे साथी भाई धनजय त्रिपाठी के भतीजे २६ वर्षीय पुना में कार्यरत अचिन की आकाल मृत्यु हो गयी ,इस घटना ने हिला कर रख दिया है उनके माता पिता ,डॉ अखिलेश त्रिपाठी,MBBS चिकित्सक ,श्रीमती उषा लता प्रोफेसर है जिनका तराशा हुआ हीरा आज इन्हे रोता बिलखता छोड़ गया<br />
<br />
<span style="background-color: white; color: #3b3b3b; font-family: Georgia, 'Times New Roman', Times, serif; font-size: 15px; line-height: 22px;">विप्र वार्ता परिवार के साथी संपादक धनजय त्रिपाठी के भतीजे चि अचिन का आकस्मिक निधन पूना में हो गया,अचिन समग्र ब्राह्मण प्रांतीय महासभा के जिला सयोजक डॉ अखिलेश त्रिपाठी के पुत्र है समता कॉलोनी निवासी अचिन त्रिपाठी का १४ अक्टूबर को पुणे में हृदयाघात से निधन हो गया। वे २६ वर्ष के थे। वे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व. मोतीलाल त्रिपाठी के पौत्र, स्वास्थ्य संचालनालय में कार्यरत डॉ. अखिलेश त्रिपाठी, डीएड कॉलेज में कार्यरत उषालता त्रिपाठी के पुत्र एवं अश्विन के छोटे भाई तथा परिवहन आयुक्त कार्यालय में कार्यरत राजेश त्रिपाठी, बीमा अभिकर्ता धनंजय त्रिपाठी एवं पत्रकार संजीत त्रिपाठी के भतीजे थे।</span><br style="background-color: white; color: #3b3b3b; font-family: Georgia, 'Times New Roman', Times, serif; font-size: 15px; line-height: 22px;" /><span style="background-color: white; color: #3b3b3b; font-family: Georgia, 'Times New Roman', Times, serif; font-size: 15px; line-height: 22px;">भगवान की मर्जी के सामने हम नत मस्तक है ,ईश्वर अपने चरणों में स्थान दे एवम हम सभी यह अघात सहने की शक्ति प्रदान करे</span><br style="background-color: white; color: #3b3b3b; font-family: Georgia, 'Times New Roman', Times, serif; font-size: 15px; line-height: 22px;" /><span style="background-color: white; color: #3b3b3b; font-family: Georgia, 'Times New Roman', Times, serif; font-size: 15px; line-height: 22px;">ॐ शांती .........................</span></div>
Ajay Tripathihttp://www.blogger.com/profile/09626682756610333149noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-1962698953908419410.post-46843707827073661892013-08-29T23:59:00.000-07:002013-08-30T00:24:19.947-07:00नामधारी इस चुनाव में धाराशाही<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
छत्तीसगढ़ में चुनाव का बुखार चढ़ गया है सभी राजनेतिक पार्टियाविधान सभा छेत्रो में अपने उस्ताद चुनने की कवायत में लगी है ,चुनाव आयोग व्यवस्ता बनाने में जूता है ,कांग्रेस और भा ज पा के बीच मुख्य लड़ाई होना है पर तीसरे मोर्चे में राष्ट्रवादी कांग्रेस ,बहुजन समाज ,स्वाभिमानी मंच ,कम्युनिस्ट पार्टिया के साथ चर्चा है की इस बार नक्सल प्रभावित छेत्र में नक्सल समर्थक भी अलग मैदान में आ सकते है ,<br />
अजित जोगी के प्रभा मंडल में फसी कांग्रेस में उनके खिलाफ हल्ला करने वालो की कमी नहीं है पर उनकी बराबरी तो छोड़ उनके आस पास तक कोई अपने कार्यो से अपनी पहुचान साबित नहीं कर पर रहा है जोगी की मेहनत को जाने वाले बताते है की उनका कोई सानी नहीं ,सुबह से फ़ोन पर बात फिर गरीबो से मुलाकात उनकी कठनाइयो के लिए पत्र लिखना फ़ोन करना से लेकर प्रदेश के दुरस्त अंचल तक कार्यक्रम लेना ,बनाना ,और उसकी तैयारी करना ,करवाना तक शामिल है ,<br />
कांग्रेस में जोगी फेक्टर ,और भाजपा में रमन फेक्टर एनसीपी में जग्गी ,स्वाभिमान मंच में साहू फेक्टर से पार्टिया उबार नहीं प् रही है<br />
भाजपा को दस साल की सरकार ने बोरा दिया है डॉ साहब को सरकारी तंत्र तो विज्ञापनों की होड़ से बाहर ही नहीं आने दे रहा है वो ऐसा दिखा रहा है की भाजपा - याने डॉ रमण ,और डॉ रमण याने भाजपा हो गए है जबकि जनता त्रस्त है - नेता मस्त है, चाहे वो कांग्रेस का हो या .............<br />
जनता के पास पाच साल में एक मोका आता है वो कांग्रेस को देना चाह रही है ,लेकिन कांग्रेसी भी डॉ साहब की सवारी में औरएस समय देश में चल रहे नए राजनेतिक बन्दर बाट में अपने आपको सुरक्चित मान कर मेहनत की कमाई नहीं खाना चाह रहे है<br />
कुल मिला कर यह कहे तो अति- शियोक्ति नहीं होगी की सभी दल के नेता दल -दल में है और वो निचेवालो याने छोटे कर्यकर्तायो से दुरी रख मस्त रहना चाहते है लेकीन ऐसा लगता है की जनता ने टान लिया है की इन नेतायो को सबक सिखाना है, देखना ये सब नामधारी इस चुनाव में धाराशाही होने वाले है </div>
Ajay Tripathihttp://www.blogger.com/profile/09626682756610333149noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-1962698953908419410.post-71251673688214205562013-08-27T22:05:00.000-07:002013-08-27T22:31:46.010-07:00दोस्ती की मिशाल था मुकेश ..................<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;">
<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiGTbw1rFUZ9l1jIO6146aBKYPWrRqI81aBhn0Kg08IRQlDdZTZdgzVXsnMHxey6HD_yaOxtWoEzA-RkD7Bq5ew0PPU52Q7IqmEqHgbwW1QfiJcVMkWn4F6jM9QBYaH4MAybD7Ax06gIe0/s1600/MukeshSharma-web.gif" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" height="320" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiGTbw1rFUZ9l1jIO6146aBKYPWrRqI81aBhn0Kg08IRQlDdZTZdgzVXsnMHxey6HD_yaOxtWoEzA-RkD7Bq5ew0PPU52Q7IqmEqHgbwW1QfiJcVMkWn4F6jM9QBYaH4MAybD7Ax06gIe0/s320/MukeshSharma-web.gif" width="245" /></a></div>
<span style="background-color: white; color: #3b3b3b; font-family: Georgia, 'Times New Roman', Times, serif; font-size: 15px; line-height: 22px;">भाई मुकेश सीधा सरल इमानदार और समय का पाबंद था विप्र वार्ता की टीम का सबसे स्मार्ट नवजवान साथी को काल ने हमसे छीन लिया किसी भी काम को यदि उसे सोपा जाता वह बिलकुल समय पर उसे अंजाम दे देता ,जिस समय उसे आने कहो वह हाजिर रहता ,अभी अभी एक वर्ष पूर्व जब भाई अनुराग मिश्र ने अपना नया मकान बनाना शुरू किया तो उन्होने अस्थायी लाइट कनेक्सन का काम मुकेश को दिया, मुकेश उसे तत्परता से पूरा करा दिया,जब रिनिवल का समय आया तो मुकेश बिस्तर से चिपक लिया थे इस परिस्थिति में उचित सलाह के साथ उचित व्यक्ति का नाम बता कर अपने रिफरेन्स से काम करवाने कहा ,अनुराग के बताया की उस व्यक्ति ने पुरे सम्मान से तत्काल सहयोग कर काम करवा दिया ,ये था उनका व्यवहार जो उन्होंने कमाया था ,अपने अल्प जीवन में मुकेश ने पुरे मनोयोग से काम किये, मित्र एवं छोटे भाई धनजय त्रिपाठी के माध्यम से मुकेश और मेरा परिचय हुआ तो ऐसा की वो हम दोनो बीच सेतु काम करते थे ,आपस में इतनी आपसी समझ थी की दोनों और वह बेलेन्स कर लिया करते थे,</span><br />
<span style="background-color: white; color: #3b3b3b; font-family: Georgia, 'Times New Roman', Times, serif; font-size: 15px; line-height: 22px;">किसी ने भी नहीं सोचा था की भाई शेलेन्द्र के बाद दूसरा यह आघात इतनी जल्दी हम लोगो को लग जायेगा जब प्रारम्भ में गले और पेट में जलन की समस्या सामने आयी तो यह लगा ही नहीं, यह तो एकदम साधारण बात थी,उसके बाद भी जब मुंबई से इलाज करवा कर लोटे तभ भी अपने आसपास के जानकर डाक्टरों ने बड़ी ही सहजता से स्वस्थ होने की सम्भावना व्यक्त की थी और ऐसा लग भी रहा था,लेकिन भगवान को भी जेसे अच्छे लोगो की जरुरत थी की वे भाई मुकेश को ले गए</span><br />
<span style="background-color: white; color: #3b3b3b; font-family: Georgia, 'Times New Roman', Times, serif; font-size: 15px; line-height: 22px;">मकेश हम मित्रो के बीच अपने बड़े भाई राकेस,पत्नी मंजू पुत्र बिट्टू सिब्बू एवं छत्तीसगढ़ी फिल्मो के जानेमाने अभिनेता अनुज शर्मा सेल को छोड़ गए</span><br />
<span style="background-color: white; color: #3b3b3b; font-family: Georgia, 'Times New Roman', Times, serif; font-size: 15px; line-height: 22px;">भाई मुकेश का जाना विप्र वार्ता के लिए एक अपूर्णीय छति है जिसकी भरपाई जीवन भर संभव नहीं हो सकती उनका व्यव्हार,इमानदार,छबी,कार्यनिष्ठा,समय पाबन्दी हमारे लिए प्रेरणा दायी बनी रहेगी ॐ शांति ..............</span></div>
Ajay Tripathihttp://www.blogger.com/profile/09626682756610333149noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-1962698953908419410.post-4967400677711414592013-07-26T22:37:00.001-07:002013-07-26T22:37:56.245-07:00शहीद योगेन्द्र शर्मा दोस्ती की मिशाल<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
<span style="background-color: white; color: #3b3b3b; font-family: Georgia, 'Times New Roman', Times, serif; font-size: 15px; line-height: 22px;">योगेन्द्र शर्मा एक वह नाम जो अब शहीद हो गया,छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा में गत दिनों घीरम घाटी में हुए नक्सली हमले में भाई योगेन्द्र शहीद हुए थे रायपुर के पास धरसीवा विधानसभा के प्रमुख दावेदार छात्र नेता योगेन्द्र ग्राम टेकरी के रहने वाले थे रायपुर के दुर्गा महाविद्यालय से स्नातक वाणिज्य ने अपनी एक अलग पहचान बनायीं थी छात्र नेता के रूप में वे विस्वविद्यालय प्रतिनिधि U.R. निर्वाचित हुए थे , धरसीवा छेत्र से दो बार जिला पंचायत का भी चुनाव लड़ऐ,और भारी मतों से जीते भी ,जनता के कार्यो के करने और दोस्तों के लिए जान छिडकने के लिए वो मशहूर थे ,उनकी दोस्ती की कई मिशाले है शहादत के पहले वे इस</span><br />
<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;">
<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjXg5d104jcd6VdcrVFzlvl6ZyS5gXwNLRol1GII1NzhkORMK7BuepoELrWkDgABdFQiwRmIuKDQBzuzM6pXMHrKA0XYqZ3W06nxtQt45I0AYFIQQcfD9AnBY8QDfnKfaAmKxMO16EgMcU/s1600/CoverJuly2013.jpg" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" height="320" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjXg5d104jcd6VdcrVFzlvl6ZyS5gXwNLRol1GII1NzhkORMK7BuepoELrWkDgABdFQiwRmIuKDQBzuzM6pXMHrKA0XYqZ3W06nxtQt45I0AYFIQQcfD9AnBY8QDfnKfaAmKxMO16EgMcU/s320/CoverJuly2013.jpg" width="249" /></a></div>
<span style="background-color: white; color: #3b3b3b; font-family: Georgia, 'Times New Roman', Times, serif; font-size: 15px; line-height: 22px;"> बार विधानसभा चुनाव की तैयारी कर रहे थे सदेव सामाजिक कार्यो रूचि ले कर सहयोग और प्रेरित करते थे,शहीद योगेन्द्र की पत्नी श्रीमती अनीता पुत्री नेहा और पुत्र हर्षित को वे अकेला छोड़ अमर हो गये</span><br />
<span style="background-color: white; color: #3b3b3b; font-family: Georgia, 'Times New Roman', Times, serif; font-size: 15px; line-height: 22px;">राज्यपाल श्री शेखर दत्त ने आज यहां रायपुर जिले के धरसींवा विकासखंड के ग्राम टेकारी पंहुचे, जहां उन्होंने विगत 25 मई को बस्तर जिले के दरभा क्षेत्र में नक्सली हमले में मारे गये टेकारी निवासी श्री योगेन्द्र शर्मा के परिजनों से मुलाकात की और उन्हें ढ़ाढ़स बंधाते हुए सांत्वना दी। राज्यपाल ने सबसे पहले उनके बेटे श्री हर्षित और बेटी नेहा शर्मा के सिर पर हाथ रखकर ढ़ाढ़स बंधाया और उनसे कहा कि उनके पिता ने नक्सल हिंसा में अपनी शहादत दी है। उनकी शहादत को हमेशा याद रखा जाएगा।</span><br style="background-color: white; color: #3b3b3b; font-family: Georgia, 'Times New Roman', Times, serif; font-size: 15px; line-height: 22px;" /><span style="background-color: white; color: #3b3b3b; font-family: Georgia, 'Times New Roman', Times, serif; font-size: 15px; line-height: 22px;">राज्यपाल ने श्री योगेन्द्र शर्मा की माता श्रीमती गोदवरी, पत्नी श्रीमती अनिता शर्मा, बड़े भाई सर्वश्री ओमप्रकाश एवं महेश शर्मा से भी मिलकर उन्हें भी सांत्वना प्रदान की। श्री योगेन्द्र शर्मा के बेटे ने राज्यपाल को बताया कि वह इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा है तथा बेटी नेहा शर्मा ने बताया कि कक्षा 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की है। इस अवसर पर राज्यपाल ने श्री योगेन्द्र शर्मा के चित्र पर पुष्प अर्पित किया</span></div>
Ajay Tripathihttp://www.blogger.com/profile/09626682756610333149noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-1962698953908419410.post-75149071015593096152013-03-05T10:12:00.001-08:002013-03-05T10:12:49.526-08:00 सुयोग्य रिश्ता मिलने में ब्लड ग्रुप मिलायें <div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
<h1 class="title" id="page-title">
</h1>
<div class="tabs">
</div>
<div class="meta submitted">
<div class="user-picture">
</div>
<span content="2013-03-04T11:53:41-07:00" rel="sioc:has_creator"></span> </div>
<div class="field field-name-body field-type-text-with-summary field-label-hidden">
<div class="field-items">
<div class="field-item even">
<a href="http://vipravarta.org/user/7" style="clear: left; float: left; margin-bottom: 1em; margin-right: 1em;" title="View user profile."><img alt="Ajay Tripathi's picture" src="http://vipravarta.org/sites/default/files/styles/thumbnail/public/pictures/picture-7-1323373874.jpg" title="Ajay Tripathi's picture" /></a>हिन्दुस्तान
में रहने वाले समस्त समाज के सामने एक प्रमुक समस्या है अपनी औलाद के लिए
सुयोग्य रिश्ते की और सुयोग्य रिश्ता मिलने में प्रमुख समस्या है। जन्म
कुंडली का मिलान करना। जन्म कुंडली के चक्कर में अच्छे अच्छे रिश्ते हाथ से
निकल जाते हैं । सुयोग्य सुन्दर, सुशील लडक़े लड़कियां एक दूसरे को पसंद
करते हुए बी, खानदान एक दूसरे को पसंद करते हुए भी, रिशेत नहीं हो पाते है
सिर्फ जन्म कुंडली के चक्कर में भाईयों बहिनों अगर जांच करवानी ही है तो
उनके चाल चलन की रीति रिवाजों , घर परिवार की रहन सहन की आमदनी की पढ़ाई
लिखाई की, न कि मांगलिक शनी इत्यादि की ये तो सब ईश्वरीय देन है । इस संबंध
में कुछ तथ्य आपके सम्मुख रखना चाहते हैं।<br />
1. दुनिया में कोई घड़ी ऐसी नहीं बनी जो सही हो सिर्फ उस परमपिता परमेश्वरी
की वो घड़ी वेला जब बच्चा जन्म लेता है सही है डाक्टर नर्स अस्पताल की
घड़ी एक दूसरे से नहीं मिलती । जब तक बच्चे की सूचना परिवार को मिलती है
10-15 मिनट बीत चुके होते हैं। अक्सर बच्चे सिर के पल जन्म लेते हैं, तो जब
पहले पहले प्रकट होते हैं, वो घड़ी या सम्पूर्ण रूप से उदर से बाहर आते
हैं वो घड़ी कौन सी घड़ी सही मानेंगे और इस प्रक्रिया के चलते क्या डाक्टर
नर्स को सय का ध्यान रहता है या नहीं, कई सेकण्डस मिनिट्स का फेर हो जाता
है तो सोचिए कौन सी घड़ी सही हुई ? कुछ अंदाज से डाक्टर नर्स समय बता पाते
हैं।<br />
2. आज मेडिकल साइंस ने इतनी तरक्की की है कि आप बच्चे का जन्म अपने मुताबिक दिन घड़ी में करा सकते हैं।<br />
3. बच्चा जब पैदा होता है आप अपने पंडित या समाज के दस भिन्न-भिन्न शहरों
के पंडितों से जन्म पत्री बनावाए सबकी जन्म पत्री अलग अलग होगी । जब रिश्ता
तय करते वक्त पंडितों को लडक़े लडक़ी की जन्म पत्री का मिलान करवाते हैं तो
एक बार कहते हुए सुनते हैं कि जन्म पत्री बखूबी मिल रही है और ये भी देखा
गया है कि यो ही जन्म पत्रियां कुछ समय बाद मिलाने के लिए ले जाते हैं तो
कहते हुए सुनते हैं कि जन्म पत्रियां तो मिलान ही नही ंकरती । और कभी कभी
तो मिलान करके के लिए नकली जन्म पत्री ही बना देते हैं । ताकि मिलान हो
जाए। हम पंडितों की विद्या पर शक नहीं कर रह ेहैं, वे हमारे पूजनी है मगर
जो सामने देखते हैं उसको नकारा तो नही ंजा सकता । कई लोगों की जिंदगी में
ऐसी घटनाएं घटित हुई होगी।<br />
4. हम हिन्दू धर्म में विश्वास करते हैं और लेख को मानते हैं तो अगर रिश्ता
हो रहा है तो प्रभु की मर्जी होगी हम क्यों जन्मपत्री या मंगल शनि को लेकर
रिश्ते से इंकार करते हैं । कितने ही लडक़े लड़कियों की जन्म पत्री मिलाकर
रिश्ते करते हैं फिर भी तनाव पैदा हो जाता है या कोई दुर्घटना हो जाती है।<br />
ये सब भाग्य का लेखा है उसको कोई मिटा नहीं सकता। कुछ समाजों में जन्म
पत्री मिलाते ही नहीं है, कई बच्चे प्रेम विाह भी करते हैं और उनका
दाम्पत्य जीवन बहुत सुखमय बीतता है तो वो कौन सी जन्म पत्री मिलाते हैं जो
भाग्य में लिखा होता है वो होकर रहता है।<br />
अच्छा ये बताइए कि प्रभु राम की जन्मपत्री किसने बनाई थी मुनिवर श्रेष्ठ
मुनि वशिष्ठ जी ने , एक एक पल का हिसाब था फिर जिस पल उनको राजगद्दी मिलनी
थी उसी पल बनवास कैसे हुआ, श्रेष्ठ मुनिवर वशिष्ठजी का कहना है कि जन्म
कुंडली चल व पल सही थी परंतु जो प्रभु राम के प्रारब्ध में लिखा है कि यानि
भाग्य में लिखा है उसकी कोई मिटा नहीं सकता, इसलिए भाईयों बहनों जन्म
पत्री ग्रहों, मंगल शनि को छोड़ो ये सब परमात्मा के बनाए हुए हैं और
परमात्मा कभी किसी का अहित नही ंकरते हैं । जो भाग्य में लिखा है वह होकर
रहता है । ग्रह नौ प्रकार के मानते है ं जिनमें भी राहु केतु ग्रह नहीं है
और विज्ञान के अनुसार ब्रह्माण्ड में आज भी 65 ग्रह है और नित नए ग्रह खोजे
जा रहे हैं । इसलियेे ग्रहों, कुंडलियों मांगलिक, शनि आदि के फेर में न
पडक़र रिश्ते तय करने के समय बच्चों की पढ़ाई लिखाई, उनका चरित्र व्यवहार,
खादनान, प्रेम प्यार, उनका व्यापार, नौकरी, कमाई, इत्यादि देखना चाहिए। और
भी अच्छा हो उसके साथ-साथ मेडिकल साइंस के इस युग में मेडिकल टेस्ट करवाने
चाहिए । जरूरी है जैसे बैलसीमिया, शूगर, ब्लड प्रेशर, एच.आी.वी., टी.बी.
कैसर इत्यादि भयानक रोगों का टेस्ट करवाना चाहिए ताकि बच्चों का भविष्य
सुरक्षित हो।<br />
रक्त समूह तय करता है दाम्पत्य जीवन<br />
एवं स्वभाव पर कैसा प्रभाव होगा।<br />
पुरूष महिला जीवन कैसा होगा<br />
1.आर एच (+) आर.एच(-) संतान को खतरा<br />
2. ओ बी दामपत्य जीवन सुखद<br />
3. ओ ओ जीवन तनावपूर्ण<br />
4. बी बी आदर्श युगल<br />
5. बी ए कष्ट एवं तनाव<br />
6. ए ए सुखद जीवन<br />
7. ओ ए तनावपूर्ण<br />
8. ए ओ संघर्षपूर्ण<br />
9. बी एबी आदर्श युगल<br />
10. ए बी बी समझौतापूर्ण<br />
कुण्डलियां नहीं अब ब्लड ग्रुप<br />
भारतीय संस्कृति के मुताबिक अब तक शादी से पहले युवक युवतियों की जन्म
कुण्डलियां मिलाई जाती रही है लेकिन चिकित्सा विज्ञान के बाद अब कुण्डलियां
नहीं ब्लड ग्रुप मिलाया जाना चाहिए । जिससे युवक युवतियों की अज्ञात
बीमारी का पता चल जाता है वहीं ब्लड ग्रुप के आधार पर उनका दाम्पत्य जीवन
कैसा होगा इसका भी पता चल जाता है। कुच ब्लड ग्रुप के मिलान से दाम्पत्य
जीवन कैसा रहेगा निम्नलिखित रूप से पेस कर रहे हैं । ये सफर कोई नया नहीं
है इसीलिए तो हिन्दू संस्कृति के मुताािबक शादी से पहले चार या अपना गोत्र
टाले जाने की परम्परा है इस रिवाज के पीछे भी भुव्कमल रक्त समूह की सोच है ।<br />
दिव्या भोजवानी साभार<br />
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Ajay Tripathihttp://www.blogger.com/profile/09626682756610333149noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-1962698953908419410.post-1110535214183536192013-03-02T20:32:00.000-08:002013-03-02T20:32:36.009-08:00 वनोपज वनवासियों के <div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
छत्तीसगढ़ में उत्पादित वनोपजों यहां के वनवासियों के लिए अतिरिक्त आमदनी
का प्रमुख जरिया है।जंगलों की सुरक्षा के लिए राज्य में जन-भागीदारी को
आधार बनाते हुए संयुक्त वन प्रबंधन नीति को आधार बनाया गया है। राज्य के
वनक्षेत्र की सीमा से पांच किलोमीटर के भीतर लगभग ग्यारह हजार गांव आते
हैं। संयुक्त वन प्रबंधन नीति के तहत इन गांवों में सात हजार 997 वन
प्रबंधन समितियां गठित की गई हैं, जिनमें 27 लाख से अधिक ग्रामीण सदस्य के
रूप में शामिल हैं। इन समितियों को लगभग तैंतीस हजार वर्ग किलोमीटर क्षेत्र
में जंगलों की सुरक्षा और उनके रख-रखाव तथा विकास की जिम्मेदारी सौंपी गयी
है। सुरक्षा के एवज में इन समितियों को उत्पादित वनोपजों की एक निश्चित
हिस्सा अथवा नगद दी जाती है। वन प्रबंधन समिति के सदस्यों द्वारा वनों का
अग्नि, अवैध चराई, अवैध कटाई, अवैध परिवहन, अवैध उत्खनन, अतिक्रमण और शिकार
से बचाव कार्य किया जाता है तथा वन विभाग को इसमें सहयोग किया जाता है। इन
समितियों की मुस्तैदी से जंगलों को बचाने में मदद मिली है तथा इसका लाभ भी
वनवासियों को मिला है।</div>
Ajay Tripathihttp://www.blogger.com/profile/09626682756610333149noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-1962698953908419410.post-87379703360895058122013-03-02T20:29:00.000-08:002013-03-02T20:29:39.935-08:00सिरपुर में मिली सिंधु घाटी सभ्यता <div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
सिरपुर के प्रसिध्द लक्ष्मण मंदिर, खुदाई में निकले शिव मंदिर, बौध्द
प्रतिमाओं और जैन प्रतिमाओं को सुंदर ढंग से प्रस्तुत किया गया है ।सिरपुर
में मिली सिंधु घाटी सभ्यता की सील, दिल्ली सल्तनत और मुगलकालीन सिक्को तथा
खुदाई में मिली एलियन जैसी आकृतियों को प्रदर्शित किया गया है। पवित्र
महानदी के तट पर बसा सिरपुर छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और धार्मिक
विरासत की अनमोल धरा है। प्राचीन काल में यह सिरपुरा के नाम से जाना जाता
था। सिरपुर में जब पुरातत्व विभाग ने खुदाई प्रारंभ की गयी तो पुरा संपदा
का एक अद्भुत खजाना सामने आ गया। राजा के महल से लेकर शिव मंदिरों की कभी न
खत्म होने वाली श्रृंखला, बौद्व विहार, जैन विहार, समाज के सभी वर्गो के
निवासियों के लिए बनाये गये सुरूचिपूर्ण आवास और इनके जैसी अनेक संपदा
छत्तीसगढ़ की इस समृध्द धरा के गर्भ से बाहर आ गयी। अवशेषों से यह भी पता
चला की इस दौरान सिरपुर की ख्याति विश्व के सबसे बड़े व्यापार केन्द्र के
रूप में भी थी। अशोक स्तुप, खाद्यान्न के भंडारण की व्यवस्था और आर्युवेदिक
स्नान कुंड आदि के अवशेष इसकी पुष्टि करते हैं। राजा त्रिवरदेव के समय से
महाशिवगुप्त बालार्जुन के शासन काल तक सिरपुर का राजनैतिक, आर्थिक और
सांस्कृतिक वैभव अपने चरम पर था तथा समाज के सभी वर्गो के लोग सम्पन्नता के
साथ जीवन यापन कर रहे थे। सिरपुर में बने अधिकांश मंदिर, भवन, विहार आदि
इसी दौरान बनाये गये। इस दौरान सिरपुर में 100 संघाराम में 10 हजार भिक्षुक
अध्ययन करते थे। तत्कालीन राजा महाशिवगुप्त बालार्जुन शैव थे लेकिन उनके
शासन काल में बौद्व, जैन और वैष्णव धर्म तेजी से फल फूल रहे थे। यह धार्मिक
सहिष्णुता का विलक्षण उदाहरण था। सिरपुर में चल रहे उत्खनन में अब तक 17
शिव मंदिर, 8 बौध्द विहार , तीन जैन विहार, एक राजमहल, पुजारियों के आवास
और विस्तृत व्यवसाय केन्द्र के अवशेष मिले है ।</div>
Ajay Tripathihttp://www.blogger.com/profile/09626682756610333149noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-1962698953908419410.post-6106093412925994852012-11-05T22:55:00.001-08:002012-11-05T22:55:15.364-08:00वन हमारे आर्थिक स्त्रोत और भविष्य छत्तीसगढ़ सहित देश की आर्थिक व्यवस्था में यहा के हरे-भरे वनों, बेशकीमती वनोपजों और मेहनतकष वनवासियों का महत्वपूर्ण योगदान है। हरे-भरे वनों की जितनी अधिक सुरक्षा की जाएगी और जितना ज्यादा उनका विकास किया जाएगा, उसका उतना ही अधिक फायदा हमारी वर्तमान और भावी पीढि़यों को मिलेगा। हमें वन और आर्थिक संसाधन देने वाले वृक्ष हमारी भारतीय संस्कृति में भगवान की तरह पूजे जाते हैं।छत्तीसगढ़ सहित देश की आर्थिक व्यवस्था में यहा के हरे-भरे वनों, बेशकीमती वनोपजों और मेहनतकश वनवासियों का महत्वपूर्ण योगदान है।छत्तीसगढ़ राज्य के जंगलों के संरक्षण और विकास के साथ यहां के वनवासियों की आमदनी का प्रमुख साधन बनाने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में किए गए प्रयासों के उत्साहजनक नतीजे सामने आए हैं ,छत्तीसगढ़ के जंगलों में प्रचुर मात्रा में लघु वनोपज पाये जाते हैं ये लघु वनोपज यहां के वनवासियों और गरीब परिवारों की आजीविका के महत्वपूर्ण साधन हैं। यहां के जंगलों में प्रमुख रूप से तेन्दूपत्ता, साल-बीज, हर्रा, बेहड़ा, गोंद, चिरौंजी, आंवला, शहद आदि लघु वनोपज पाये जाते हैं।। राज्य के जंगलों के संरक्षण् और विकास के साथ यहां के वनवासियों की आमदआनी का प्रमुख साधन बनाने के लिए किए गए प्रयासों के उत्साहजनक नतीजे सामने राज्य सरकार द्वारा सीधे संग्राहकों से शहद खरीदा जाता है। हैं। छत्तीसगढ़ के जंगलों में प्रचुर मात्रा में लघु वनोपज पाये जाते हैं। यहां लगभग एक सौ साठ प्रकार के लघु वनोपजों का उत्पादन होता है। अनुमान के अनुसार करीब साढ़े आठ सौ करोड़ रुपए का सालाना व्यापार इन लघु वनोपजों के माध्यम से होता है। ये लघु वनोपज यहां के वनवासियों और गरीब परिवारों की आजीविका के महत्वपूर्ण साधन हैं। छत्तीसगढ़ में लाख की खेती यहां के वनवासियों के लिए अतिरिक्त आमदनी के एक प्रमुख जरिया के रुप में उभरकर आयी है। राज्य में बहुत बड़ी मात्रा में माहुल पत्तों का उत्पादन होता है। पहले यह पत्ता कच्चे स्वरूप में अन्य राज्यों को बेच दिया जाता था। लेकिन स्थानीय ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध कराने की नीयत से राज्य में 20 माहुल पत्ता प्रसंस्करण इकाईयां लगायी गयी हैं। इन केन्द्रों पर स्व-सहायता समूहों द्वारा माहुल पत्ता का उपचार कर मशीनों द्वारा दोना पत्तल का निर्माण किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में लाख की खेती यहां के वनवासियों के लिए अतिरिक्त आमदनी के एक प्रमुख जरिया के रुप में उभरकर आयी है, साथ ही राज्य सरकार द्वारा सीधे संग्राहकों से शहद खरीदा जाता है,शहद प्रसंस्करण के लिए बिलासपुर, जशपुर, भानुप्रतापपुर और कवर्धा में चार शहद प्रसंस्करण केन्द्र स्थापित किए गए हैं।Ajay Tripathihttp://www.blogger.com/profile/09626682756610333149noreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-1962698953908419410.post-49157849928518394202012-10-16T11:26:00.001-07:002012-10-16T11:26:27.361-07:00छत्तीसगढ़ प्रांतीय गौंड़ ब्राह्मण महासभा के विधिवत गठन<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
<span style="background-color: white; color: #3b3b3b; font-family: Georgia, 'Times New Roman', Times, serif; font-size: 15px; line-height: 22px;">छत्तीसगढ़ प्रांतीय गौंड़ ब्राह्मण महासभा के विधिवत गठन विप्रजनों की उपस्थिति में प्रदेश की राजधानी रायपुर के महेश भवन गुडिय़ारीपारा में संपनन हुआ। प्रदेश के विभिन्न जिलों से पधारे विद्वतजनों ने बिना किसी अवरोध के प्रांताध्यक्ष के रूप में ब्राह्मण शिरोमणी रमेश पटाक को प्रांतीय अध्यक्ष चुनते हुये उन्हें सामाजिक कार्यों के साथ युवा पीढ़ी के मार्गदर्शन की महति जवाबदारी सौंपी।</span><br />
<span style="background-color: white; color: #3b3b3b; font-family: Georgia, 'Times New Roman', Times, serif; font-size: 15px; line-height: 22px;">छत्तीसगढ़ प्रांतीय गौंड़ ब्राह्मण महासभा के पदाधिकारियों को चुनने वैधानिक प्रक्रियाओं के तहत चुनाव अधिकारी के रूप में राजेन्द्र शर्मा दुर्ग तथा नंदकिशोर शर्मा पत्रकार भाटापारा को मनोनीत करते हुये सामाजिक बंधुओं ने चुनाव प्रक्रिया को परिणाम तक पहुंचाने में अहम भूमिका का निर्वहन किया। सभी उपस्थित सदस्यों ने निर्विरोध चुनाव को संपन्न करते हुये प्रांताध्यक्ष के रूप में ब्राह्मण महासभा के सभी घटकों के विभिन्न पदों पर लंबे समय से सेवा दे रहे रमेश पटाक को चुनते हुये सचिव संजय शर्मा दुर्ग, कोषाध्यक्ष सत्यनारायण जोशी भाटापारा को विभिन्न जवाबदारियां सौंपी गयी। नवनियुक्त अध्यक्ष श्री पटाक ने जल्द ही कार्यकारिणी की घोषणा करने की बात कही है। उन्होंने कहा कि समाज के सभी लोगों को साथ लेकर बुजुर्गों के आशीर्वाद से वे समाजहित में काम करने का प्रयास करेंगे। सभा के अंत में पूर्व अध्यक्ष श्रवण शर्मा रायपुर ने आभार व्यक्त किया। श्री पटाक को नया उत्तरदायित्व निभाने पर उनके ईष्ट मित्रों तथा सामाजिक बंधुओं ने शुभकामनायें दी है।</span><br />
<br /></div>
Ajay Tripathihttp://www.blogger.com/profile/09626682756610333149noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-1962698953908419410.post-47545597555956783982012-08-10T11:50:00.000-07:002012-08-10T11:50:09.568-07:00मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम को ब्रह्म हत्या<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
छत्तीसगढ़ में हमारी किविदन्तियों एवं लोक कथाओं के अक्षय भण्डार में ऐसे
ऐसे विलक्षण प्रसंग भरे पड़े हैं कि लगता है इनका विधिवत सृजन एक समानान्तर
रामचरित मानस को जन्म दे सकता है ,कुछ कथाएं बहु प्रचलित है और कुछ
अल्पपरिचित ऐसी ही एक छोटी सी किन्तु महत्वपूर्ण कथा सौभाग्य से एक स्वामी
जी से प्राप्त हुआ । जिज्ञासु लोगों का प्रश्न यह है कि रावण जैसे प्रकाण्ड
पंडित महान शिव भक्त, अनेक देवी देवताओं को दास बना लेने वाले उद्भट
ब्राह्मण का वध कर क्या<b> मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम को ब्रह्म हत्या </b>का
महापाप न लगा होगा ? और यदि लगा हो तो इसके परिमार्जन हेतु प्रायश्चित
स्वरूप उन्होंने क्या किया ?<br />
कथारंभ कुच इस तरह था सीता को रावण की कैद से छुड़वाने के मूल उद्दश्य से
श्रीराम ने रावण को बहुत समझया कि वह व्यर्थ का बैर मोल न ले और जनक
नन्दिनी को आदर सहित वापिस लौटा दे किन्तु रावण तो रावण ठहरा, उसे इसप्रकार
सीधी तरह सीता को भगवान केपास लौटाना होता, तो एक चोर की तरह उनका अपहरण
ही क्यों करता । उसने तो भिक्षुक का वेष धारण कर छल कपट का सहारा लेकर
लक्ष्मण रेखा के इस पार सीता को आने की अनिष्टकारी धमकी देकर मायावी
स्वर्णमृग बने मारीच के पीछे भागते राम और उन्हें ढूढने गए लक्ष्मण की
अनुपस्थिति का लाभ उठाकर यह अपहरण काण्ड पूर्व नियोजित षडयंत्र की भांति
किया था । वह भला क्यों सादर सीता को लौटाने के लिए उधत होता । उसने तो इस
दुष्कृत्य के अंतर्गत जटायु से युद्ध कर उसके दोनों पंख काट डाले । राम को
अपने प्रिय भक्त का प्राणांत अपनी गोद में ही देखना था । पक्षी राज ने पूरी
ताकत से रावण का सामना किया था यदि वह अपने इस प्रयास में सफल हो जाता तो
रामायण की कथा ही कुछ और होती । फिर राम पर ब्रह्म हत्या पाप न लगता ।
साथ ही रावण को भी उस स्थिति में निश्चित ही वह पद नहीं मिलता जिसका
अधिकारी वह श्रीराम के द्वारा मारे जाने से हो गया ।<br />
वह भविष्य का ज्ञाता था । वह ऐसी ही मृत्यु चाहता था किन्तु राम लक्ष्णण
को जरूर उसने संकट मे ंडाल दिया । दुष्ट व्यक्ति अपनी मृत्यु के पश्चात भी
भले लोगों के दुख के कारण बने रहते हैं इस कथा मं यही बात विशेष रूप से
बतलाने का प्रयास किया गया है ।<br />
भयंकर युद्ध में श्रीराम एवं लक्ष्मण जी ने दुरभिमानी रावण को मार तो दिया
क्योंकि और कोई उपाय शेष बचा ही नहीं था किन्तु ब्रह्म हत्या पाप लग ही
गया । क्षत्रियों को इस बात की बहुत अधिक चिन्ता हो जाया करती है आज भी
क्षत्रिय इस बात पर विश्वास करते हैं कि ब्राह्मण की हत्या महापाप है ।श्रीराम लक्ष्मण को सुझाव दिया गया कि प्रायश्चित स्वरूप ब्राह्मण भोजन का
आयोजन करे ताकि पाप का शमन हो और पाप से मुक्ति मिले । दोनों भाई सम्पूर्ण
अयोध्या के ब्राह्मणों को एक विशाल ब्रह्म भोज में आमंत्रित कर रहे थे
किन्तु उनके आश्चर्य का कोई ठिकाना न रहा , जब उन्हें बताया गया कि अयोध्या
का कोई ब्राह्मण उनके भोज में सम्मिलित होना नहीं चाहता । सभी ने इंकार कर
दिया है । समस्या और भी जटिल हो गयी । फिर किसी ने उन्हें सुझाया कि
महाराज नगर को छोडि़ए । यदि यहां के ब्राह्मण आपके भोज का आमंत्रणसवीकार
नहीं करते तो आप वन प्रान्तर में दूरस्थ तपस्यारत किसी तपस्वी ब्राह्मण को
खोजे, शायद वह आपका आमंत्रण स्वीकार कर ले। देखिए सवाल तपोबल का है जिसका
तपोबल इतना ऊंचा होगा, कि वह आपके शीश पर की पाप की गठरी को उतातकर स्वंय
अपने सिर पर धारण कर सके । आखिर वही तो इस पाप की मुक्ति के निमित्त आपका
भोजन ग्रहण करने का साहस करेगा ।<br />
अब पहली बार राम लक्ष्मण को ज्ञातहुआ कि वास्तव में उनसे एक बड़ा अपराध
हुआ है । यदि सचमुच ही कोई ब्राह्मण इस भोज के लिये प्रस्तुत न हुआ तब फिर
क्या होगा ? उनके समक्ष एक विकट समस्या खड़ीहुई थी । यह तो सचमुच रघुवंश पर
सदा सदा के लिए एक कलंक की बात होगी । एक क्षणाच्र्ध के लिए श्रवण कुमार
की दुखद एवं असामयिक मृत्यु और उसके रोते बिलखते माता पिता द्वारा जीर्ण
शीर्ष वृद्धावस्था में दिए गए श्राप से अपने पूज्य पिता महाराज दशरथ की
हृदय विदारक अंतिम यात्रा का सार प्रसंग उनकी आंखों के समक्ष आ गया ।<br />
यद्यपि रावण की पत्नी मन्दोदरी या अन्य किसी भी संबंधी न उन्हें प्रकट रूप
से कोई श्राप तो नहीं दिया था परंतु उनका मन भी दुखी तो हुआ ही था और दुखी
मन की हाथ से क्या नहीं हो जाता । श्रीराम लक्ष्मण को चिंता हुई कि भविष्य
अब भी अंधकार मय ही है ।<br />
खैर ब्राह्मणों की नहीं सुनते सुनते निराश और लगभग हताश हो चुके दोनों
भाईयों को अन्तत: एक तपस्वी ओजस्वी ब्राह्मण बालक वन में तपस्या करते मिला ।
उसने अपने विराट तपोबल से दूर से ही समझ लिया कि इन दोनों अवतारी पुरूषो
ंको समाज की मर्यादा निभाने के लिये एवं लोकाचार हेतु यह कर्य तो सम्पन्न
कराना ही है। अन्त में मैं ही क्यों न कुछ कठोर शर्तों के साथ इनका आमंत्रण
स्वीकार कर लूं । पुण्य के भागी तो सभी बनना चाहते हैं मैं इनके पाप का
भागी बनूंगा । मैं श्रीराम लक्ष्मण के सिर पर की पाप की गठरी का कुछ बोझ तो
अवश्य ही ढो सकता हूं मुझे इनकी मदद करनी चाहिए । यह सामाजिक हित का कार्य
है ।<br />
जैसे ही उस बालक के समीप जाकर उन दोनों भाईयों ने अपनी व्यथा उस तेजस्वी
से कही तो उसने कह कि आप दोनों बैलगाड़ी में जुए की जगह बैलों की तरह जुत
कर मुझे भोजन कराने ले जाय और वापिस उसी तरह यहां लाकर छोड़े और साथ ही यदि
सीता जी बिना अग्नि के भोजन बनावे और वे अपने हाथ से मुझे भोजन कराए तो
मैं तैयार हूं । तिथि एवं समय आप लोग अपनी सुविधा से निश्चित कर लें । उन
दोनों भाईयों को ऐसा प्रतीत हुआ जैसे अंधे को आंख मिल गई हो । आज तक तो कुछ
सूझ ही नहीं पा रहा था कि क्या करे और क्या न करे । अब संतोष हुआ कि इतने
दिनों का परिश्रम सफल हुआ। निर्धारित तिथि को इधर सीता जी ने निर्देश के
अनुसार भोजन तैयार किया और उधर दोनों भाई खुशी खुशी बैलगाड़ी में बैलों की
तरह जुतकर तपस्वी ब्राह्मकुमार को सादर घर लिवा लाए । अवधवासी यह दृश्य
देखकर चकित रह गए । सीता जी तो रो पड़ी । उन्हें लगा कि सारी दुर्दशा क
कारण आखिर मैं ही तो हूं । उन्होंने जैसे तैसे साहस जुटाकर अभी प्रथम कौर
ही उस ब्राह्मण बालक के मुंह में देने का प्रयास किया कि वह सहृद्य कोमल
कुमार भी उन्हें रोते देख रो पड़ा । ऐसी स्थिति में भोजन करना कठिन ही था ।<br />
इससे सीता जी को लगा कि कहीं उनसे ही तो भोजन बनाने में त्रुटि नहीं हो गई
। उधर छोटे भाई लक्ष्मण को भी अपने स्वभाव के अनुरूप मन ही मन थोड़ा बुरा
भी लगा । जो कि स्वाभाविक ही था । सोचने में लो एक तो श्रीमान के लिए बैल
बने और ऊपर से ब्राह्मण महराज कुमार इसपर भी अप्रसन्न ही रहे । किन्तु घट
घट के जानने वाले भगवान अन्तर्यामी श्रीराम ने तपस्वी बालक के हृदय की बात
ताड़ ली । उन्होंने अत्यंत विनीत भाव से निवेदन किया। ब्राह्मण राजकुमार
हमारा यह रूखा सूखा अन्न अत्यन्त कृपावन्त होकर प्रसन्न मुद्रा में
ग्रहणकरन ेकी अनुकम्पा करे यह तो समय की गति है । इसके वशीभूत आप भी है और
हम भी । जो सतयुग में था वह त्रेता में नहीं है, और द्वापर में यह भी नहीं
रहेगा । उसके आगे तो और भी बुरा समय आने वाला है उसे कोई रोक नहीं सकता ।
ब्राह्मण कुमार ने ज्यों ज्यों प्रथम द्विथीय और तृतीय कौर सीता जी के हाथ
से ग्रहण किया तो सबकी जान में जान आई सीता का हाथ ब्राह्मण कुमार के
आंसुओं से भीग चुका था । किन्तु इसके साथ ही महान रघुवंश से महाब्रह्म
हत्या का पाप भी सदैव के लिए उतर चुका था।<br />
तपस्वी बालक ने जैसे तैसे भोजन पूरा किया क्योंकि उसका ध्यान भोजन की
अपेक्षा भविष्य पर अधिक था राम एवं लक्ष्मण ने एक बार फिर बैल बनकर उसे
तुरन्त ही उसकी उसी कुटिया में सादर वापिस पहुंचाया । परंतु मार्ग में भी
वह बालक मौन ही रहा । सोच में ही डूबा रहा । अब तो लक्ष्मण जी से रहा न गया
। उन्होंने पूछ ही लिया ब्राह्मण कुमार क्या हमसे कोई त्रुटि रहगई ? आप अब
भी इतने अनमने एवं उदास क्यों है ? हमे ंबताइये । इसे दूर करने के लिए
आपकी क्या सेवा की जाय। उत्तर में ब्राह्मण कुमार ने कहा जो कुछ मैंने आज
किया है वह केवल आप लोगों की प्रसन्नता के लिए ही है । आपके सुखद भविष्य के
लिए यह आवश्यक था कि आप पाप मुक्त हों । जब किसी ने आपका आमंत्रण नहीं
स्वीकारा तभी तो आप लोग मुझ तक पहुंचे थे । मैं नहीं जानता कि मेरे कारण
इसमें आपको कितनी सफलता मिलेगी । परंतु यह सत्य है कि यह कोई शुभारंभ नहीं
है । मुझे इस बात का मान था कि आज मैंन एक ऐसी शुरूवात की है जिसका कोई
अन्त नहीं है । अब ब्रह्म हत्याएं भी होगी और ब्रह्म भोजों से उनका
प्रायश्चित भी हुआ करेगा । अपनी त्रुटियों का प्रायश्चित करने का यह कोई
आदर्श तरीका नहीं है ।<br />
राम एवं लक्ष्मण दोनों को विद्युत झटका सा<br />
लगा । उन्होंने पाया कि लौकिक रूप से पाप का प्रायश्चित भले ही हुआ है
किन्तु अपराध भाव तो ज्यों का त्यों कायम है। सामाजिक विशेषताएं - अवतारी
पुरूषों से भी क्या क्या काम करवाती है , फिर सामान्य लोगों को तो पग पग पर
धर्म संकट उपस्थित होते रहते हैं अनेक बार तो मति भ्रम हो जाता है इधर
कुआं उधर खाई की स्थितियां बनती रहती है । सत्संग से समाधान मिलने की प्रबल
संभावनाएं रहती है । तेजस्वी ब्राह्मण बालक का सोचना भी कितना सही था ।
इसी नजरिये से सारा भारत देख रहा है । लगता है अभी और भी बहुत कुछ देखना
शेष है । कलियुग का चौथा चरम अभी बहुत बाकी है।<br />
राजेन्द्र कुमार शर्मा, राजनांदगांव<br />
रामायण प्रधान समिति<br /><br />
</div>
Ajay Tripathihttp://www.blogger.com/profile/09626682756610333149noreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-1962698953908419410.post-78108346158441444532012-06-17T22:31:00.000-07:002012-06-17T22:33:41.163-07:00रायपुर की संस्कृति उड़ीसा से मिलती जुलती<span style="font-family: Arial, Helvetica, sans-serif; line-height: 28px; text-align: -webkit-auto; font-size: medium; ">छत्तीसगढ़ अंचल उड़ीसा से लगा हुआ है यहाँ की संस्कृति उड़ीसा से मिलती जुलती है ,यहाँ लाखो की त्तादत में उत्कलवासी निवास करते है यहा रायपुर की राजधानी में भगवान जगन्नाथ ,सुभद्रा और बलभद्र जी का एतिहासिक मंदिर भी है और पूरी के स्वरुप में बना नया विशाल के मंदिर भी है जहा पूरी के ही पुजारी उसी विधि विधान से महाप्रभु की पूजा सम्पन्न कराते है , गत वर्षो से तो यहाँ रथों की संख्या में भी वृद्धि हो गयी है सदर बाज़ार,पुरानीबस्ती , गुढ़ियारी ,गीतांजलि आदि कई स्थानों से महापर्व का रथ धूमधाम से निकलता है ,शंकर नगर के पूरी के स्वरूप विशाल मंदिर में श्री पुरंदर मिश्र के नेत्रित्व में पदेश के लोकतंत्र के राजा राज्यपाल ,मुख्यमंत्री पूजा विधि संपन्न कराते है ,सदर का पुराना मंदिर पुजारी परिवार द्वारा संचालित है </span>Ajay Tripathihttp://www.blogger.com/profile/09626682756610333149noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-1962698953908419410.post-35635497431398954092012-06-15T11:39:00.000-07:002012-06-15T11:39:11.626-07:00प्रणब मुखर्जी के नाम पर मुहर<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
<span style="background-color: white; color: #3b3b3b; font-family: Georgia, 'Times New Roman', Times, serif; font-size: 15px; line-height: 22px; text-align: -webkit-auto;">संप्रग संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन द्वारा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 77 वर्षीय प्रणब मुखर्जी के नाम का प्रस्ताव किया और घटक दलों के नेताओं ने सर्वसम्मति से प्रणब मुखर्जी के नाम पर मुहर लगा दी।सोनिया ने कहा कि मुखर्जी का पांच दशक का सार्वजनिक जीवन का प्रतिष्ठित रिकॉर्ड रहा है। उनकी उम्मीदवारी को लेकर व्यापक सहमति है। संप्रग ने सभी राजनीतिक दलों और सभी सांसदों एवं विधायकों से अपील करते हुए कहा कि वे मुखर्जी की राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवारी का समर्थन करें।</span><br style="background-color: white; color: #3b3b3b; font-family: Georgia, 'Times New Roman', Times, serif; font-size: 15px; line-height: 22px; text-align: -webkit-auto;" /><span style="background-color: white; color: #3b3b3b; font-family: Georgia, 'Times New Roman', Times, serif; font-size: 15px; line-height: 22px; text-align: -webkit-auto;">राष्ट्रपति पद के लिए प्रणब मुखर्जी कांग्रेस और यूपीए के नाम पर मुहर पर समाजवादी पार्टी नेता रामगोपाल यादव ने अपनी सहमति जता दी, बीएसपी अध्यक्ष मायावती ने भी प्रणब मुखर्जी के नाम पर मुहर लगा दी।माकपा ने मुखर्जी को बधाई दे दी है</span><br style="background-color: white; color: #3b3b3b; font-family: Georgia, 'Times New Roman', Times, serif; font-size: 15px; line-height: 22px; text-align: -webkit-auto;" /><span style="background-color: white; color: #3b3b3b; font-family: Georgia, 'Times New Roman', Times, serif; font-size: 15px; line-height: 22px; text-align: -webkit-auto;">पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में एक छोटे से गांव से ताल्लुक रखने वाले प्रणब मुखर्जी राजनीति और सत्ता के गलियारों के पुराने मुसाफिर रहे हैं। 1969 से अधिकतर समय राज्यसभा में बिताने वाले मुखर्जी पहली बार 2004 और 2009 में मुर्शीदाबाद जिले की जांगीपुर सीट से लोकसभा के लिए चुने गए। बतौर विदेश मंत्री मुखर्जी ने अमेरिका के साथ असैनिक परमाणु करार संपन्न कराने और उसके साथ संबंधों को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की।</span><br style="background-color: white; color: #3b3b3b; font-family: Georgia, 'Times New Roman', Times, serif; font-size: 15px; line-height: 22px; text-align: -webkit-auto;" /><span style="background-color: white; color: #3b3b3b; font-family: Georgia, 'Times New Roman', Times, serif; font-size: 15px; line-height: 22px; text-align: -webkit-auto;">वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी इंदिरा गांधी की सरकार में 1982 से लेकर 1984 तक वित्तमंत्री का कार्यभार संभाल चुके हैं। यूपीए-1 में विदेश मंत्री रहे मुखर्जी ने जनवरी 2009 में वित्तमंत्री का प्रभार संभाला था। मुखर्जी को 1984 में दुनिया के शीर्ष पांच वित्तमंत्रियों की सूची में स्थान दिया गया था ,मुखर्जी ने बतौर अध्यापक और पत्रकार अपने करियर की शुरुआत की थी तथा वे देशेर डाक जैसे प्रकाशनों से भी जुड़े रहे। उन्होंने कई किताबें लिखीं।सरकार चलाने का लंबा तजुर्बा और संविधान की जानकारी। सभी पार्टियां सम्मान करती हैं।</span>
</div>Ajay Tripathihttp://www.blogger.com/profile/09626682756610333149noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-1962698953908419410.post-74041464927466732652012-04-08T11:07:00.000-07:002012-04-08T11:08:48.603-07:00हार की समीक्षा में राहुल गांधी<p style="margin-top: 0px; margin-right: 0px; margin-bottom: 1.2em; margin-left: 0px; color: rgb(59, 59, 59); font-family: Georgia, 'Times New Roman', Times, serif; font-size: 15px; line-height: 22px; text-align: -webkit-auto; background-color: rgb(255, 255, 255); ">उत्तर प्रदेश में हार की समीक्षा में जुटे कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी जानना चाहते हैं कि प्रदेश कांग्रेस में ऊपर से निचले स्तर पर आखिर वह कौन से लोग हैं, जिनकी वजह से पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा। उन्होंने हारे उम्मीदवारों को बाकायदा 13 सवालों की प्रश्नसूची सौंपी,प्रश्नसूची में सवाल है कि आपके विधानसभा क्षेत्र में कितने ब्लॉक हैं और इसका अध्यक्ष कौन है। क्या इन्होंने आपको चुनावों में समर्थन और सहयोग दिया। क्या आपको जिला कांग्रेस कमेटी व शहर कांग्रेस कमेटी से समर्थन मिला। क्या आपको अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के डेलीगेट्स का समर्थन मिला। क्या आपको युवा कांग्रेस का समर्थन मिला। क्या एनएसयूआई का समर्थन मिला।क्या सेवा दल और महिला कांग्रेस का समर्थन मिला। पीसीसी कार्यालय के साथ समन्वय कैसा रहा। आपके चुनाव में सराहनीय कार्य करने वाले प्रमुख कार्यकर्ताओं के नाम और नंबर बताएं। अप्रैल-मई में होने वाले स्थानीय निकाय चुनावों के संदर्भ में आप अपने सुझाव बताएं। चुनावी पराजय के मुख्य कारण क्या रहे और अब आगे की क्या योजना होनी चाहिए। इसके लिए आपके सुझाव क्या है।</p><p style="margin-top: 0px; margin-right: 0px; margin-bottom: 1.2em; margin-left: 0px; color: rgb(59, 59, 59); font-family: Georgia, 'Times New Roman', Times, serif; font-size: 15px; line-height: 22px; text-align: -webkit-auto; background-color: rgb(255, 255, 255); ">राहुल गांधी के इन सवालों से साफ है कि राष्ट्रीय कांग्रेस लेकर ब्लॉक स्तर तक उन लोगों नाम जानना चाहते हैं, जो बड़े पदों पर बैठकर अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा रहे है।</p>Ajay Tripathihttp://www.blogger.com/profile/09626682756610333149noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-1962698953908419410.post-87223846159169825292012-04-08T10:59:00.001-07:002012-04-08T11:03:55.080-07:00ब्राह्मण महाकुंभ आयोजन अप्रैल 28 व 29<div class="field field-name-body field-type-text-with-summary field-label-hidden" style="color: rgb(59, 59, 59); font-family: Georgia, 'Times New Roman', Times, serif; font-size: 15px; line-height: 19px; text-align: -webkit-auto; background-color: rgb(255, 255, 255); "><div class="field-items"><div class="field-item even" property="content:encoded">बुहभाषीय ब्राह्मण महासंघ, नई दिल्ली के रामलीला मैदान में ब्राह्मण समाज का महाकुंभ का आयोजन अप्रैल 28 व 29, 2012 को करने जा रही है।इसी संदर्भ में सम्मेलन की तैयारी बैठक दिल्ली के कालका मंदिर प्रांगण में आयोजित की गई। बैठक को राष्ट्रीय अध्यक्ष मोरेश्वर राव घैसास गुरूजी, कार्यकारी अध्यक्ष सुरेशत्रिपाठी, महासचिव सूरजभान पांडेय, कालिका पीठ के पीठाधिश्वर महंत सुरेन्द्रनाथ अवधूत, पंडित मांगेराम शर्मा, कुलदीप भारद्वाज ने उपस्थित होकर संबोधित किया। सभी ने ब्राह्मण महाकुंभ 28-29 अप्रैल को सफल बनाने के लिए दिल्ली नगर के विप्र बंधुओं से सहयोग की अपील की।<br /><p style="margin-top: 0px; margin-right: 0px; margin-bottom: 1.2em; margin-left: 0px; ">कार्यक्रम में अमर शहीद मंगल पांडेय के वंशज रघुनाथ पांडेय, शहीद चंद्रशेखर आजाद के वंशज गणेश शंकर मिश्र ने विशेष रूप से उपस्थित होकर विप्रजनों से व्यक्तिगत आग्रह किया। कार्यक्रम में गुजरात से वंदना तिवारी, प्रवीण भाई जोशी, नागपुर से त्रिलोकी नाथ सिन्धरा, रेखा चतुर्वेदी, मुंबई से संजय बम्हे, स्मिता पुराणिक, मध्यप्रदेश से शिवचरण शर्मा, जीवनलाल मुखरैया, डॉ. मोहन शर्मा, छत्तीसगढ़ से अजय त्रिपाठी, रांची से विजय मिश्रा, पटना से विनायक पांडेय, आर.एन.मिश्रा, माधव आजाद, बनारस से कमलाकांत उपाध्याय, के.एन.शुक्ला, मुरलीधर दुबे, हरियाणा से राधावल्लभ शर्मा, ए.के.पांडेय, हैदराबाद से विजय जुत्ती, गोवा से सुधीर मोघे, जयपुर से रमेश शर्मा, पंजाब से केदारनाथ शर्मा, लखनऊ के पूर्व विधायक शुक्ला जी सहित विप्रजन उपस्थित थे।बुहभाषीय ब्राह्मण महासंघ, नई दिल्ली के रामलीला मैदान में ब्राह्मण समाज का महाकुंभ आयोजन में ब्राह्मण सम्मेलन के विषय- ब्राह्मणों का अस्तित्व एवं अस्मिता, स्वतंत्रता से पहले और स्वतंत्रता के बाद राष्ट्र के लिए ब्राह्मणों का योगदान। आरक्षण की सार्थकता तथा उसका राष्ट्रीय स्तर पर दुष्प्रभाव के दुरगामी परिणाम और प्रतिभा पलायन। ब्राह्मण महिलाओं का सामाजिक परिवर्तन षोडश संस्कार क्यों? और उसका वैज्ञानिक पक्ष। ब्राह्मण वर्ग से अन्य जातियों का अपेक्षा ब्राह्मणों को राजनीतिक पहचान बनाना आवश्यक है, इसके लिए किस प्रकार का अभियान शुरु करें।<br />देश के ब्राह्मणों से दिल्ली पहुंचने की अपील</p></div></div></div>Ajay Tripathihttp://www.blogger.com/profile/09626682756610333149noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-1962698953908419410.post-69845865393357105402011-12-21T21:00:00.000-08:002011-12-21T21:01:36.350-08:00'30 अंडर 30' सूची जारी<p class="txt" id="font_text" style="text-align: -webkit-auto; padding-top: 0px; padding-right: 0px; padding-bottom: 0px; padding-left: 0px; margin-top: 7px; margin-right: 0px; margin-bottom: 0px; margin-left: 0px; font-size: 14px; font-family: Arial, Helvetica, sans-serif, Mangal; text-decoration: none; line-height: 20px; background-color: rgb(255, 255, 255); ">प्रख्यात अमेरिकी व्यापार पत्रिका फोर्ब्स प्रति वर्ष विश्व के नागरिको की सूचि जरी करती है जो अपने तरीके से अनूठी होती है भविष्य के प्रतिभावान युवायो की सूचि में १० भारतीयों का शामिल होना युवा भारत की पहचान है सभी को युवा सन्देश की और से बधाई </p><p class="txt" id="font_text" style="text-align: -webkit-auto; padding-top: 0px; padding-right: 0px; padding-bottom: 0px; padding-left: 0px; margin-top: 7px; margin-right: 0px; margin-bottom: 0px; margin-left: 0px; font-size: 14px; font-family: Arial, Helvetica, sans-serif, Mangal; text-decoration: none; line-height: 20px; background-color: rgb(255, 255, 255); "> पत्रिका फोर्ब्स की 'भविष्य के प्रतिभावान युवाओं' की सूची में शामिल 10 भारतीयों को सोशल नेटवर्किं ग वेबसाइट फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकेरबर्ग और पॉप संगीत के सितारों लेडी गागा और जस्टिन बीबर के साथ एक मंच पर शिरकत करने का मौका मिलेगा। ।</p><p class="txt" id="font_text" style="text-align: -webkit-auto; padding-top: 0px; padding-right: 0px; padding-bottom: 0px; padding-left: 0px; margin-top: 7px; margin-right: 0px; margin-bottom: 0px; margin-left: 0px; font-size: 14px; font-family: Arial, Helvetica, sans-serif, Mangal; text-decoration: none; line-height: 20px; background-color: rgb(255, 255, 255); "></p><p class="txt" id="font_text" style="text-align: -webkit-auto; padding-top: 0px; padding-right: 0px; padding-bottom: 0px; padding-left: 0px; margin-top: 7px; margin-right: 0px; margin-bottom: 0px; margin-left: 0px; font-size: 14px; font-family: Arial, Helvetica, sans-serif, Mangal; text-decoration: none; line-height: 20px; background-color: rgb(255, 255, 255); ">फोर्ब्स ने यह सूची '30 अंडर 30' के नाम से जारी की। सूची में विश्व के 360 प्रतिभावान युवाओं को शामिल किया गया है जो भविष्य में दुनिया के लिए एक शख्सियत बनेंगे,सूची में ऊर्जा, वित्त, मीडिया, कानून, मनोरंजन, विज्ञान, निर्माण और प्रौद्योगिकी सहित 12 विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े लोगों को शामिल किया गया है। सूची में शामिल भारतीय कुनाल शाह (29) गोल्डमैन सैक्स के सबसे युवा प्रबंध निदेशक,भारतीय युवा 17 वर्षीय परम जग्गी , ऑस्टिन कॉलेज के प्रतिभावान छात्र हैं। जग्गी को कई पुरस्कार मिल चुके हैं। इन्होंने शैवाल की मदद से एक उपकरण बनाया है। इस उपकरण को यदि कार की टेलपाइप पर लगा दिया जाए तो यह कार्बन डाईऑक्साइड को ऑक्सीजन में बदल देता है।</p><p class="txt" id="font_text" style="text-align: -webkit-auto; padding-top: 0px; padding-right: 0px; padding-bottom: 0px; padding-left: 0px; margin-top: 7px; margin-right: 0px; margin-bottom: 0px; margin-left: 0px; font-size: 14px; font-family: Arial, Helvetica, sans-serif, Mangal; text-decoration: none; line-height: 20px; background-color: rgb(255, 255, 255); "></p><p class="txt" id="font_text" style="text-align: -webkit-auto; padding-top: 0px; padding-right: 0px; padding-bottom: 0px; padding-left: 0px; margin-top: 7px; margin-right: 0px; margin-bottom: 0px; margin-left: 0px; font-size: 14px; font-family: Arial, Helvetica, sans-serif, Mangal; text-decoration: none; line-height: 20px; background-color: rgb(255, 255, 255); "> 23 वर्षीय विवेक नायर दमिश्क फाच्र्युन में मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं। विवेक एक ऐसी प्रौद्योगिकी के विकास में लगे हैं जो औद्योगिक कार्बन उत्सर्जन को कार्बन नैनोट्यूब्स में बदल सकती है। जबकि वित्त के क्षेत्र में विकास मोहिंद्रा (25)ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है। विकास अमेरिकी बैंक मेरिल लिंच में वित्तीय सलाहकार हैं। इन्होंने मात्र तीन साल में बैंक के लिए 3.8 करोड़ डॉलर जुटाए।</p><p class="txt" id="font_text" style="text-align: -webkit-auto; padding-top: 0px; padding-right: 0px; padding-bottom: 0px; padding-left: 0px; margin-top: 7px; margin-right: 0px; margin-bottom: 0px; margin-left: 0px; font-size: 14px; font-family: Arial, Helvetica, sans-serif, Mangal; text-decoration: none; line-height: 20px; background-color: rgb(255, 255, 255); "></p><p class="txt" id="font_text" style="text-align: -webkit-auto; padding-top: 0px; padding-right: 0px; padding-bottom: 0px; padding-left: 0px; margin-top: 7px; margin-right: 0px; margin-bottom: 0px; margin-left: 0px; font-size: 14px; font-family: Arial, Helvetica, sans-serif, Mangal; text-decoration: none; line-height: 20px; background-color: rgb(255, 255, 255); ">भारतीय युवा मनवीर निजार (28) यूरोपियन सिटीग्रुप में यूरोपियन इक्विटी डेरिवेटिव्स सेल्स के सह प्रमुख हैं। 29 वर्षीय राज कृष्णन बायोलॉजिकल डाइनामिक्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं। वह रक्त जांच की एक ऐसी प्रणाली विकसित कर रहे हैं जिससे यह पता चल सकेगा मरीज को ब्लड कैंसर होने के संकेत हैं अथवा नहीं, सिद्धांत गुप्ता (27) बिजली की बचत के लिए सॉप्टवेयर विकसित कर रहे हैं , निखिल अरोरा (24), मनोरंजन के क्षेत्र में , सीएनबीसी में निर्माता मनीत आहुजा (27) को सूची में जगह दी गई है</p><p class="txt" id="font_text" style="text-align: -webkit-auto; padding-top: 0px; padding-right: 0px; padding-bottom: 0px; padding-left: 0px; margin-top: 7px; margin-right: 0px; margin-bottom: 0px; margin-left: 0px; font-size: 14px; font-family: Arial, Helvetica, sans-serif, Mangal; text-decoration: none; line-height: 20px; background-color: rgb(255, 255, 255); ">ये भारतीय युवा आने वाले दिनों भारत की शान बनेंगे </p><p class="txt" id="font_text" style="text-align: -webkit-auto; padding-top: 0px; padding-right: 0px; padding-bottom: 0px; padding-left: 0px; margin-top: 7px; margin-right: 0px; margin-bottom: 0px; margin-left: 0px; font-size: 14px; font-family: Arial, Helvetica, sans-serif, Mangal; text-decoration: none; line-height: 20px; background-color: rgb(255, 255, 255); "></p><p class="txt" id="font_text" style="text-align: -webkit-auto; padding-top: 0px; padding-right: 0px; padding-bottom: 0px; padding-left: 0px; margin-top: 7px; margin-right: 0px; margin-bottom: 0px; margin-left: 0px; font-size: 14px; font-family: Arial, Helvetica, sans-serif, Mangal; text-decoration: none; line-height: 20px; background-color: rgb(255, 255, 255); "></p><br class="Apple-interchange-newline">Ajay Tripathihttp://www.blogger.com/profile/09626682756610333149noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-1962698953908419410.post-72831043063965794072011-12-10T11:33:00.000-08:002011-12-10T11:34:19.300-08:00९० मिनट की जेल<div style="font-family: Arial, Helvetica, sans-serif; line-height: 28px; text-align: -webkit-auto; font-size: medium; "><span class="Apple-style-span" style="color: rgb(59, 59, 59); font-family: Georgia, 'Times New Roman', Times, serif; font-size: 15px; line-height: 22px; background-color: rgb(255, 255, 255); ">कल छत्तीसगढ़ की ९० विधान सभा सीटो पर कांग्रेस ने जेल भरो आन्दोलन का आयोजन किया मांग थी किसानो को २७० रुपये बोनस दो ,में भी कांग्रेस की और से डोंडी लोहरा विधानसभा का सन्वयक बनाया गया था ,श्री नन्द कुमार पटेल जी ने यह जिम्मेदारी जिस उम्मीद से दी थी वह तो पूरी हो गयी ,पर जेल मिली सिर्फ ९० मिनटों की , वह भी अस्थायी जेल में .प्रशाशन ने एक स्कूल को अस्थायी जेल बनाया था ,</span><br /><span class="Apple-style-span" style="color: rgb(59, 59, 59); font-family: Georgia, 'Times New Roman', Times, serif; font-size: 15px; line-height: 22px; background-color: rgb(255, 255, 255); ">सुबह -सुबह उठ कर में अपने बच्चे के स्कूल जाने के समय उसके साथ ही तैयार हो गया बच्चे के सवाल पर मैंने बताया की जेल जा रहा हु ,उसे विश्वास ही नहीं हुआ</span><br /><span class="Apple-style-span" style="color: rgb(59, 59, 59); font-family: Georgia, 'Times New Roman', Times, serif; font-size: 15px; line-height: 22px; background-color: rgb(255, 255, 255); ">जब वह स्कूल से लोटा तो फिर जिज्ञासा वस् मोबाईल पर कॉल कर पूछा ,पापा क्या आप जेल पहुच गए ? मेने बताया की बेटा अभी भाषण चल रहा है १/२ घंटे बाद चले जायेंगे</span><br /><span class="Apple-style-span" style="color: rgb(59, 59, 59); font-family: Georgia, 'Times New Roman', Times, serif; font-size: 15px; line-height: 22px; background-color: rgb(255, 255, 255); ">डोंडी लोहरा में वहा के पूर्व विधायक डोमेन्द्र भेड़िया,रजा भूपेंद्र टेकाम ,मुक्ति गुहा नियोगी ,अनिला भेड़िया , प्रदेश सचिव डॉ शिव नारायण द्वेवेदी के नेत्रित्व में डोंडी ,दल्ली .और लोहरा के ब्लोक कांग्रेस अध्याच्चो के साथ लगभग १३००-१४०० लोग रेली निकाल कर तहशील कार्यालय जा रहे थे बीच रस्ते में पोलिस ने स्कूल के सामने रेली को रोक कर गिरफ्तार कर लिया</span><br /><span class="Apple-style-span" style="color: rgb(59, 59, 59); font-family: Georgia, 'Times New Roman', Times, serif; font-size: 15px; line-height: 22px; background-color: rgb(255, 255, 255); ">गिरिफ्तारी के बाद नाम दर्ज करने की प्रक्रिया चली और इसमे जो ९० मिनट का समय लगा वो था हमारा जेल में रहने का समय ...........</span></div>Ajay Tripathihttp://www.blogger.com/profile/09626682756610333149noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-1962698953908419410.post-36841683392224223892011-03-15T22:10:00.000-07:002011-03-15T22:12:22.814-07:00युवा पीढ़ी सबक ले-होली प्रेम भाव को बढ़ाने वालाप्राचीन समय में होली प्रेम भाव को बढ़ाने वाला त्यौहार था ।हमारे दोस्तों ,गावो ,परिवार में यदि वर्ष भर में आपस में कोई-झगड़े या मनमुटाव की बात हो जाती तो इस दिन उसे भुलाकर सब लोग प्रेम से गले मिल लेते थे और पुरानी गलतियों के लिए एक-दूसरे को क्षमा करके फिर से मित्र सहयोगी बन जाते थे वर्तमान समय में अब भी इस दिन एक-दूसरे के यहाँ मिलने को जाते हैं, पर प्रायः नशा करके गाली बककर झगड़ा पैदा कर लेते हैं, जो होली के उद्देश्य के सर्वथा प्रतिकूल है । वास्तव में होली का त्यौहार हमारे समाज में सबसे अधिक सामूहिकता का परिचायक है और यदि इसे समझदारी के साथ मनाया जाय तो यह हमारे लिये अत्यन्त कल्याणकारी सिद्ध हो सकता है । जिस प्रकार होली के पौराणिक उपाख्यान में बतलया गया है कि सच्चे भक्त प्रहलाद् ने असत्य और अन्याय का प्रतिरोध करके सत्य की रक्षा की थी और उसी की स्मृति में होली के त्यौहार की स्थापना की गई थी, उसी प्रकार हम भी यदि इस वास्तविक उद्देश्य का ध्यान रखकर होली का त्यौहार मनायें तो इस अवसर पर वर्तमान समय में होने वाली अनेक हानियों से बचकर इस त्यौहार को लोक कल्याण का एक प्रमुख साधन बना सकते हैं आयो हम सब मिल कर पुनः अपनी पुराणी परम्परयो को पुनर्जीवित करने की दिशा में जागरूकता अभियान चलाये ताकि आने वाली युवा पीढ़ी सबक ले कर सही राह पर आयेAjay Tripathihttp://www.blogger.com/profile/09626682756610333149noreply@blogger.com2tag:blogger.com,1999:blog-1962698953908419410.post-7175279241329561242010-11-12T10:44:00.000-08:002010-11-12T11:09:34.239-08:00हमारे लोकतंत्र की पहचान-परंपराभारत में भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई के मामले में पाकिस्तान को भारत से सीख लेनी चाहिए। ये विचार एक पाकिस्तानी दैनिक ने अपने सम्पादकीय में व्यक्त किए हैं।<br />अखबार ने कहा की भारत ने भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे कांग्रेस के दो नेताओं को इस्तीफा देने का निर्देश देकर अपने नेताओं को जिम्मेदार बताया है। पाकिस्तान की सरकार को भी भ्रस्टाचार सहित नेतिकता के मामलों में एसा ही करना चाहिए।<br />भारत में सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी ने भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण राष्ट्रमंडल खेलों की आयोजन समिति के अध्यक्ष सुरेश कलमाडी और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण से इस्तीफा मांग कर देश के सामने पुनः एक मिशाल कायम की है सुरेश कलमाडी को खेलों के उनके प्रबंधन के कारण भारत की शर्मसार स्तिथीबनी थी और भ्रस्ताचार के गंभीर आरोपों से घिर गए थे , <br /> अशोक चव्हाण ने कारगिल युद्ध के शहीदों की विधवाओं के लिए बनी आवासीय इमारत में हुए घोटाले में उनका नाम कथित तौर पर आया ।दोनों मामलों की अभी प्रारंभिक जाच चालू हुयी है उनके दोष अभी साबित नहीं हो पाए हैं, लेकिन नेताओं ने अपने पद की गरिमा बरकरार रखने के लिए इस्तीफा दे दिया है। ये एक नयी मिशाल है वेसे सूचना के अधिकार ,पंचायती राज प्रणाली जे कदम पर कांग्रेस की सार्थक सोच का लाभ भी भारतीय राजनेतिक परम्परयो को बनाने में रहा है यह अर्जुन सिंह ,विद्याचरण शुक्ल ,प्रणब मुखर्जी ,चन्द्र शेखर ,कई रेल मंत्री ,रक्चा मंत्री ,राशन घोटालो में नेतिकता का तकाजा सामने रखा गया था ,<br />इसी परंपरा नुसार ताजा कार्रवाई, पारदर्शिता और जवाबदेही की दिशा में एक नया कदम है और यही हमारे लोकतंत्र की पहचान है।Ajay Tripathihttp://www.blogger.com/profile/09626682756610333149noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-1962698953908419410.post-15349757912891994362010-10-04T07:22:00.000-07:002010-10-04T08:20:41.372-07:00कार्यकर्तायो को अपना चमचा बनाने के चलते कांग्रेस का यह परिणामभटगांव उपचुनाव के नतीजे को लेकर भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों के अपने-अपने दावे थे । इस सीट से श्रीमती रजनी त्रिपाठी ने 35 हजार से भी ज्यादा वोटों से चुनाव जीत लिया यह चुनाव से प्रत्याशी की लोकप्रियता, पार्टी के कार्यों की गणना या अन्य किसी भी तरह के कारणों से सुनिश्चित नहीं किया जा सकता। फिर भी, चुनाव के दौरान प्रचार, नेताओं के दौरे, भाषण और मुद्दों के आधार पर यह अनुमान लगाया जा रहा है कि भाजपा का पलड़ा भारी था इसलिए इस दफा बाजी उसके हाथों में होगी।अब अगर चुनाव के दौरान के घटनाक्रमों पर नजर डालें तो एक बार फिर भाजपा सांसद दिलीप सिंह जूदेव भारी पडे। श्री जूदेव ने भावनात्मक रूप से मतदाताओं से अपील की कि विरोधी पक्ष के उम्मीदवार उनके चचेरे भाई हैं लेकिन वे इस युद्ध में सत्य के साथ हैं मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने अपनी कल्याणकारी योजनाओं के बलबूते प्रचार किया तो चुनाव मैनेंजमेंट में माहिर बृजमोहन अग्रवाल के हाथों संचालन की कमान रही है। तेजतर्रार आदिवासी मंत्री रामविचार नेताम,सांसद मुरारी लाल सिंह की मेहनत रंग लायी सबसे बड़ी बात एक बार फिर बीजेपी ने राजमहल के खिलाफ आम जनता के प्रतिनिधित्व का मुद्दा मतदाताओं के समक्ष रखा ।<br />दूसरी ओर कांग्रेस ने भी सभी विधायकों को मैदान में उतारकर वैशाली नगर की रणनीति अपनाई। लेकिन उसके स्टार प्रचारक पूर्व मुख्यमंत्री के भाषण को दूसरे नजरिए से देखा गया। श्री जोगी ने ताल ठोंकी है कि चुनाव जीतने के बाद भाजपा सरकार को २०१० में ही उखाढ़ फेकेंगे । इस पर कांग्रेस में ही सवाल उठे ,लोकतंात्रिक व्यवस्था के खिलाफ आचरण के कारण श्री जोगी पूर्व में भी आलोचना के शिकार हो चुके हैं और पार्टी से निलंबित भी ।<br /> एन सब बातो का राजनेतिक अध्ययन करने वाले जानकर वरिष्ट पत्रकार श्री प्रकाश होता ने आज एक स्थानीय टी. वी. चेनल में कहा की यह कांग्रेस के बढे नेतायो की हार है , कांग्रेस ने कार्यकर्तायो की पूछने वाला कोई नहीं पुरे चुनाव में पैसे की कमी का रोना रहा उन्होंने बढे नेतायो और कर्कार्तायो के रिश्ते में दूरी को भी बताया , कुल मिला कर कहा जाये हो यह चुनाव में नेतायो ने कार्यकर्तायोसे कई रायशुमारी नहीं की और लम्बे समय से नेता कार्यकर्तायो से दूर होते जा रहे है अभी -अभी निपटे राज्य सभा के चुनाव में ये नेता दो दिनों तक डेरा डाले थे ,जबकि यहा विधायक ही वोटर थे और हार की कोई सम्भावना ही नहीं थी ,इसी के उलटे हाई कमान यह पता कर ले इन्ही नेतायो ने नगर निगम , जिला पंचायत ,सहकारिता के चुनाव में क्या किया गया , पेसो की तो बात दूर, कार्यकर्तायो से कार्यकर्तायो को लड़ाने में कोई कसार नहीं छोड़ी और शायद ये छोटा चुनाव किसी भी पार्टी की नीव है, यही सब अपना तगमा लगाने के लिए नियम कायदों अनुभव निष्ठा को दर किनार रख संघठन चुनाव में हुआ कार्यकर्तायो के को अपना चमचा बनाने ही होड़ के चलते कांग्रेस का यह परिणाम आया है और यदि हाई कमान सीधे सामने नहीं आया तो कांग्रेस का गढ़ कार्यकर्तायो की हताशा से भाजपा का गढ़ बन ही जायेगाAjay Tripathihttp://www.blogger.com/profile/09626682756610333149noreply@blogger.com2tag:blogger.com,1999:blog-1962698953908419410.post-90997658714488777892010-08-30T23:07:00.000-07:002010-08-30T23:08:25.050-07:00जनता की भावना के अनुकूल निर्णय,ब्लैकबेरी देगा डाटाब्लैकबेरी फोन बनाने वाली कंपनी रिसर्च इन मोशन (रिम) भारत सरकार को सभी डाटा उपलब्ध कराने को लेकर राजी हो गई अब ब्लैकबेरी विवाद समाप्त हो रहा है। अब रिम कानून के तहत खुफिया एजेंसियों को काल्स, मैसेज की जांच करने देगा अब ब्लैकबेरी सेवाओं से किसी भी व्यक्ति के फोन और संदेश टैप करने में आसानी होगी और आतंकवादियों द्वारा इन सेवाओं का इस्तेमाल करने की स्थिति में उनकी साजिश का पर्दाफाश भी किया जा सकेगा। इस कार्य के लिए ब्लैकबेरी भारत में अपना सर्वर स्थापित करेगा सूत्रों के अनुसार रिम को दो महीने की मोहलत दी गई है।<br />भारत सरकार ने ब्लैकबेरी को सुरक्षा संबंधी चिंताओं को दूर करने के लिए 31 अगस्त तक का समय दिया था। अन्यथा उसकी कुछ सेवाओं को प्रतिबंधित किया जा सकता था।समयसीमा के एक पहले रिम ने अपनी सभी सेवाओं पर भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के तत्काल प्रभाव से एक्सेस का वायदा कर दिया। भारत सरकार की यह एक उपलब्धि कही जा सकती है सारे दबावों के बाद भी भारत ने यहाँ की जनता की भावना के अनुकूल निर्णय ले कर जनता का सर उंचा किया है <br /> यह कहा गया है की रिम सुरक्षा एजेंसियों को पूर्ण डाटा एक्सेस प्रदान करेगी। ब्लैकबेरी सेवाओं से सुरक्षा मसलों की समीक्षा 60 दिन में की जाएगी और इस बीच दूरसंचार विभाग (डीओटी) भारत में स्थापित सर्वर के जरिए ऐसी सेवाएं मुहैया कराने की व्यवहार्यता का अध्ययन करेगा कंपनी ने मैनुअल एक्सेस का प्रस्ताव भी रखा था, जिसे सुरक्षा एजेंसियों ने यह कहकर नकार दिया था कि वह किसी व्यक्ति का फोन टैप करने से जुडी जानकारी कंपनी या किसी अन्य पक्ष के साथ नहीं बांट सकती। अभी भारत में 900 से अधिक निगमित घराने और कंपनियां तथा लगभग दस लाख लोग ब्लैकबेरी सेवाओं का इस्तेमाल करते हैं।Ajay Tripathihttp://www.blogger.com/profile/09626682756610333149noreply@blogger.com3tag:blogger.com,1999:blog-1962698953908419410.post-9652403344706952102010-08-30T01:15:00.000-07:002010-08-30T01:17:26.914-07:00बिहार में जाति-विकास में होड़लालू को पिछडो का कांग्रेस, नितीश ब्राहमण को साथ लेने की ओर <br /> राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को बिहार में ऊंची जाति के किसी नेता का मुख्यमंत्री बनना मुश्किल दिख रहा है। वो सवर्णो को अपनी ओर लुभाने की कोशिशें में १०%आरक्षण देने की घोषणा कर दी हैं।एक पत्र वार्ता में लालू ने शान से कहा की ‘यह मेरी देन है कि बिहार में सवर्णो को मुख्यमंत्री बनाने की अब कोई हिम्मत नहीं करता।’ <br />लोकसभा चुनावों में हार के बाद सवर्ण वोट बैंक एवम पिछड़े व दलित वोट बेंको पर नजर गड़ाए लालू ने आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णो के लिए सरकारी नौकरियों में दस फीसदी आरक्षण का चारा भी फेंक दिया। स्वयं को यादव मुस्लीम पिछडो का नेता मानने वाले लालू दलित नेता रामविलास पासवान के कंधे पर सवार हो कर बिहार विधान सभा की गद्दी हतियाना चाहते है ,नीतीश कुमार सरकार पर सिर से पैर तक भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप लगाते हुए लालू अपने शासन कल के चारा घोटाले सहित विभिन्न भ्रटाचार को भूल रहे है राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद और लोजपा के पासवान आपस में मुख्यमंत्री उपमुख्यमंत्री ,पद राजद-लोजपा गठबंधन में आपस में बाट ली है ,पासवान के भाई पशुपति कुमार पारस को उपमुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया गया है दोनों दल लोकसभा में हार का मुह देख चुके है जातीवादी राजनीती पर विकास की लडाई चल रही है कांग्रेस अपने बल बूते चुनाव में उतरने की तैयारी में है राहुल गाँधी ने पिछले दिनों बिहार दौर में नितीश कुमार की तारीफ कर एक नया समीकरण की और इशारा कर भाजपा को दुविधा में दल दिया था <br /> बिहार की राजनीती के जानकार और इतिहास बिहार की राजनीती को उतरप्रदेश की तरह बिना ब्राहमणों के बिना अधुरा मानते है यहाँ के मतदान की चर्चा पुरे देश की जाती रही है बूथों की लूट एक आम विषय रहता था ,अशांति और विकास एक दुसरे विपरीत ध्रुव है, बिना शांति भाई चारे सद्भावना के विकास संभव नहीं होता है , आने वाला चुनाव लालू पासवान की जोड़ी को ओर जोर से झटका दे वाला होगा , अगर काग्रेस मजबूती से सभी को जोड़ पाए तो ,उ. प. ,बिहार में कांग्रेस की वापसी होती नजर आ रही हैAjay Tripathihttp://www.blogger.com/profile/09626682756610333149noreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-1962698953908419410.post-52485045509305072452010-08-26T11:51:00.000-07:002010-08-26T23:14:12.344-07:00सांसद ध्यान देसांसद ध्यान दे , वित्तीय स्वार्थ से जोड़ कर देखना तो बंद करे <br /><br />अभी मै नेट पर एक विश्लेषण देखा, लगा की देश कर्णधार, लोकतंत्र में समाजों के सेवक, ये कर क्या रहे है, कि जनता ९५% विरोध में मत दे रही है ।<br /><br />"सांसदों के वेतन एवं भत्तों में तीन गुणा से भी ज्यादा वृद्धि के बाद सरकार को प्रत्येक सांसद पर सालाना 60 लाख रुपए खर्च करने पड़ेंगे। <br />सांसदों के संसद और उनके निर्वाचन क्षेत्रों में प्रदर्शन को देखते हुए क्या यह उचित कदम है? <br /> हां 4% <br /> नहीं 95% <br /> कह नहीं सकते 1% "<br /> <br />भारत की जनता का पर्याय बन चुके नेट, बुध्दि वादी जनता नेट से जुडी हुयी और आप लोग आखे बंद कर उस प्राणी की कहावत जैसा आपनी वेतन पर वेतन बडा़ये जा रहे हो, ऊपर के परिणाम को देखें लेकिन ये बात के समर्थक भी है लेकिन उनकी भी एक विचार है कि इस फेसले से घूस खोरी,रिश्वत खोरी कम होगी, टीक है आप लोगो ने आखे बंद कर या जनता की बिना राय जाने आपना वेतन बढ़ा लिया तो कम से कम आपने आचरण से दुसरे विचार को चरितार्थ कर दे याने कम से कम आम भ्रस्ताचार पर तो रोक लगाये छोटी मोती चीजो को आपने वित्तीय स्वार्थ से जोड़ कर देखना तो बंद करे।Ajay Tripathihttp://www.blogger.com/profile/09626682756610333149noreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-1962698953908419410.post-43438248278807658842010-08-19T22:41:00.001-07:002010-08-19T22:42:48.606-07:00दोहरे धर्म, राजनीती,बराक हुसैन ओबामाअमेरिका के राष्ट्रपति ओबामा ईसाई है या मुस्लमान इस बात की बहस लम्बे समय से जारी है आने वाले चुनाव को देख फिर ये मुद्दा बन रहा है अभी एक ताजे सर्वे में फिर ओमाबा की धार्मिकता का सवाल आया है वेसे ओमाबा लोगों की आर्थिक परेशानियों को दूर करने में जुटे हैं . दोहरे धर्म संकट का यह पहला मामला नहीं है लेकिन जनता और राजनीतिज्ञों को यह चर्चा करने में आनंद आता है धर्म निहायत ही व्यक्तिगत मामला है लेकिन राजनीती में धर्म वोटो का खजाना है भारत में भी बहुतेरे नेता केवल इसी आधार पर राजनीती के सत्ता के केंद्र में आ जाते है चाहे सोनिया गाँधी हो ,या मनमोहन सिंह ,राहुल गाँधी , राजनाथ सिंह चर्चाये आम होती है की फलाना व्यक्ति इस आधार पर उसके किचन एंट्री में है <br /> मशहूर पत्रिका टाइम के ताज़ा सर्वे के मुताबिक देश के 24 फीसदी लोग मानते हैं कि ओबामा मुस्लिम हैं. टाइम ने ये सर्वे ओबामा के ग्राउंड ज़ीरो के पास मस्जिद बनाने का कथित तौर पर समर्थन करने के बाद किया है. दूसरा सर्वे पीऊ रिसर्च सेंटर ने किया है जिसमें ओबामा को मुस्लिम मानने वाले अमेरिकियों की संख्या 18 फीसदी बताई गई है.पीऊ ने पिछले साल भी ये सर्वे किया था तब 11 फीसदी लोगों ने ही ओबामा को मुस्लिम माना था. हालांकि व्हाइट हाउस से जारी बयान में ओबामा को पूरी तरह से ईसाई बताया गया है. एक मुस्लिम पिता और अधार्मिक विचारों वाली मां की संतान ओबामा ने युवा होने के साथ ईसाई धर्म स्वीकार कर लिया. वैसे पिता की वजह से अमेरिकी राष्ट्रपति का पूरा नाम बराक हुसैन ओबामा है. धार्मिकता का सवाल आया इस लिए आया है क्योंकि एक तिहाई अमेरिकी मानते हैं कि इस्लाम धर्म मानने वालों को राष्ट्रपति का चुनाव लड़ने और सुप्रीम कोर्ट में काम करने पर रोक लगनी चाहिए. <br />2009 के मार्च में जब सर्वे हुआ तो ओबामा को ईसाई मानने वाले डेमोक्रेट्स की तादाद 55 फीसदी थी. टाइम के सर्वे में 47 फीसदी लोगों ने ओबामा को ईसाई माना है जबकि 24 फीसदी लोग ऐसे भी हैं जिन्हें नहीं पता की ओबामा किस धर्म को मानते हैं.Ajay Tripathihttp://www.blogger.com/profile/09626682756610333149noreply@blogger.com0