Sunday, November 8, 2009

छत्तीसगढ़ राज्य और राज्य का उत्सव

छत्तीसगढ़ प्रदेश का निर्माण नवम्बर 2000 में हुआ । 9 वीं वर्षगांठ के अवसर पर प्रदेश में धूमधाम से राज्योत्सव संपन्न हुआ । राज्य के मुखिया ने नागरिकों को रोमांचित करने देश के सर्वाधिक रोमांचक कार्यक्रम के रूप में वायुसेना के सूर्यकिरण दल को आमंत्रित किया जिसे देखकर नगरवासी रोमांचित हो उठे ।

राज्य और राज्य का उत्सव धूमधाम से संपन्न हुआ । लेकिन राज्य की समस्याएं और उसकी ओर ध्यान देने की आवश्यकता है । वर्तमान समय में जो राज्य की आर्थिक स्थिति का आंकलन करने वाले विश्लेषक बताते हैं कि अरबों के बजट में इस समय सिर्फ धान की खरीदी, वोटों की राजनीति के चलते रुपये 2 रुपयो किलो के चावल के वितरण में सारा का सारा बजट समाहित होता जा रहा है । विकास कार्य को अंजाम देने वाले सिंचाई विभाग, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, लोक निर्माण विभाग,सुविधाएं देने वाले स्वास्थ्य विभाग, महिला एवं बाल कल्याण विभाग, समाज कल्याण विभाग, नगरीय कल्याण विभाग, पंचायत विभाग, कृषि विभाग अपने बजटों के लिए लगातार श्रृंखलाबध्द होकर छोटे से बड़े अधिकारियों के समक्ष अनुनय विनय करने में लगे हैं । हर व्यक्ति अपने कार्यालयीन खर्चों में कटौती कर रहा है ।

प्रदेश के मुखिया ने विगत दिनों एक सप्ताह की औद्योगिक देश दक्षिण अफ्रीका की यात्रा की । यहां के प्रमुख औद्योगिक शहर केपटाउन में उन्होंने विभिन न प्रतिनिधि मंडलों से चर्चा कर भारत के सामाजिक, आर्थिक विकास और छत्तीसगढ़ राज्य के प्रगति के बारे में बताया । प्रदेश में आर्थिक उन्नति का माहौल है, औद्योगिक क्षेत्र में यहां काफी संभावनाएं व्याप्त हैं लेकिन निरंतर हमारे नेतृत्व की कमजोर इच्छा शक्ति के चलते हम स्थान पर अभी तक नहीं पहुंच पाये हैं । दक्षिण अफ्रीका के विभिन्न प्रतिनिधि मंडलों को मुख्यमंत्री में अध्ययन दौरों के लिए आमंत्रित तो किया है लेकिन बायो डीजल सहित विभिन्न तकनीकियों के निर्माण में जैसे बालको का चिमनी धरासायी होना, रतनजोत के प्लांटेशन में खामियां, औषधी पौध रोपण का अब तक औद्योगिक स्वरूप व उत्पादन न प्राप्त करना , सरगुजा क्षेत्र में पनबिजली योजनाओं की कमी, जशपुर में टमाटर खेती का नुकसान अवमूल्यन जैसी समस्याओं के निजात के साथ हमें राज्य के गरीबों एवं आम लोगों की स्वास्थ्य सुविधाओं की दिशा में राजनीति से परे हटकर कार्य करने की आवश्यकता है ।

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