Tuesday, August 27, 2013

दोस्ती की मिशाल था मुकेश ..................

भाई मुकेश सीधा सरल इमानदार और समय का पाबंद था विप्र वार्ता की टीम का सबसे स्मार्ट नवजवान साथी को काल ने हमसे छीन लिया किसी भी काम को यदि उसे सोपा जाता वह बिलकुल समय पर उसे अंजाम दे देता ,जिस समय उसे आने कहो वह हाजिर रहता ,अभी अभी एक वर्ष पूर्व जब भाई अनुराग मिश्र ने अपना नया मकान बनाना शुरू किया तो उन्होने अस्थायी लाइट कनेक्सन का काम मुकेश को दिया, मुकेश उसे तत्परता से पूरा करा दिया,जब रिनिवल का समय आया तो मुकेश बिस्तर से चिपक लिया थे इस परिस्थिति में उचित सलाह के साथ उचित व्यक्ति का नाम बता कर अपने रिफरेन्स से काम करवाने कहा ,अनुराग के बताया की उस व्यक्ति ने पुरे सम्मान से तत्काल सहयोग कर काम करवा दिया ,ये था उनका व्यवहार जो उन्होंने कमाया था ,अपने अल्प जीवन में मुकेश ने पुरे मनोयोग से काम किये, मित्र एवं छोटे भाई धनजय त्रिपाठी के माध्यम से मुकेश और मेरा परिचय हुआ तो ऐसा की वो हम दोनो बीच सेतु काम करते थे ,आपस में इतनी आपसी समझ थी की दोनों और वह बेलेन्स कर लिया करते थे,
किसी ने भी नहीं सोचा था की भाई शेलेन्द्र के बाद दूसरा यह आघात इतनी जल्दी हम लोगो को लग जायेगा जब प्रारम्भ में गले और पेट में जलन की समस्या सामने आयी तो यह लगा ही नहीं, यह तो एकदम साधारण बात थी,उसके बाद भी जब मुंबई से इलाज करवा कर लोटे तभ भी अपने आसपास के जानकर डाक्टरों ने बड़ी ही सहजता से स्वस्थ होने की सम्भावना व्यक्त की थी और ऐसा लग भी रहा था,लेकिन भगवान को भी जेसे अच्छे लोगो की जरुरत थी की वे भाई मुकेश को ले गए
मकेश हम मित्रो के बीच अपने बड़े भाई राकेस,पत्नी मंजू पुत्र बिट्टू सिब्बू एवं छत्तीसगढ़ी फिल्मो के जानेमाने अभिनेता अनुज शर्मा सेल को छोड़ गए
भाई मुकेश का जाना विप्र वार्ता के लिए एक अपूर्णीय छति है जिसकी भरपाई जीवन भर संभव नहीं हो सकती उनका व्यव्हार,इमानदार,छबी,कार्यनिष्ठा,समय पाबन्दी हमारे लिए प्रेरणा दायी बनी रहेगी ॐ शांति ..............

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