Thursday, August 29, 2013

नामधारी इस चुनाव में धाराशाही

छत्तीसगढ़ में चुनाव का बुखार चढ़ गया है सभी राजनेतिक पार्टियाविधान सभा छेत्रो में  अपने उस्ताद चुनने की कवायत में लगी है ,चुनाव आयोग व्यवस्ता बनाने में जूता है ,कांग्रेस और भा ज पा के बीच मुख्य लड़ाई होना है पर तीसरे मोर्चे में राष्ट्रवादी कांग्रेस ,बहुजन समाज ,स्वाभिमानी मंच ,कम्युनिस्ट पार्टिया के साथ चर्चा है की इस बार नक्सल प्रभावित छेत्र में नक्सल समर्थक भी अलग मैदान में आ सकते है ,
अजित जोगी के प्रभा मंडल में फसी कांग्रेस में उनके खिलाफ हल्ला करने वालो की कमी नहीं है पर उनकी बराबरी तो छोड़ उनके आस पास तक कोई अपने कार्यो से अपनी पहुचान साबित नहीं कर पर  रहा है जोगी  की मेहनत को जाने वाले बताते है की उनका कोई सानी नहीं ,सुबह से फ़ोन पर बात फिर गरीबो से मुलाकात उनकी कठनाइयो के लिए पत्र लिखना फ़ोन करना से लेकर प्रदेश के दुरस्त अंचल तक कार्यक्रम लेना ,बनाना ,और उसकी तैयारी करना ,करवाना तक शामिल है ,
कांग्रेस में जोगी फेक्टर ,और भाजपा में रमन  फेक्टर एनसीपी में जग्गी ,स्वाभिमान मंच में साहू फेक्टर से पार्टिया उबार नहीं प् रही है
भाजपा को दस साल की सरकार ने  बोरा दिया है डॉ साहब को सरकारी तंत्र तो विज्ञापनों की होड़ से बाहर ही नहीं आने दे रहा है वो ऐसा दिखा रहा है की भाजपा - याने डॉ रमण ,और डॉ रमण याने भाजपा हो गए है जबकि जनता त्रस्त है - नेता मस्त है, चाहे वो कांग्रेस का हो या .............
जनता के पास पाच साल में एक मोका आता है  वो कांग्रेस को देना चाह रही है ,लेकिन कांग्रेसी भी डॉ साहब की सवारी में औरएस समय  देश में चल रहे नए राजनेतिक बन्दर बाट में अपने आपको सुरक्चित मान कर मेहनत की कमाई नहीं खाना चाह रहे है
कुल मिला कर यह कहे तो अति- शियोक्ति नहीं होगी की सभी दल के नेता दल -दल में है और वो निचेवालो याने छोटे  कर्यकर्तायो से दुरी रख मस्त रहना चाहते है लेकीन ऐसा लगता है की जनता ने टान लिया है की इन नेतायो को सबक सिखाना है, देखना ये सब नामधारी इस चुनाव में धाराशाही होने वाले है 

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