Monday, February 15, 2010
वह रे महगाई और सरकार की नोटंकी
आज छत्तीसगढ़ सर्मसार हुआ है, जब सरकार नुमाएंदे मुख्या मंत्री डाक्टर रमण सिंग ,बृजमोहन अग्रवाल , हेमचंद यादव राजेश मूणत चंरासेखर साहू सहित मंत्रियो ने नोटंकी करते हुए सायकल चलाते हुए विधान सभा पहुचे ! भारत में प्रजातन्त्र है और केंद्र की सरकार निस्पक्च भाव से राज्य को स्थानीय प्रशासन करने में पूरा सहयोग देती है . दोनों ही सरकारे जनता के वोटो से चुन कर आती है उनका पूरा पूरा दायित्व होता है जनता की समस्यायों को दूर करे ! एन परिस्थितयो में महगाई से चिंता करना तो जायज है पर धदीयाली आसू ले कर डोंग करना तो शर्म का ही विषय है ,२५ हजार करोड़ वाला बजट ले कर आने वाली सरकार आपनी २ करोड़ जनता की सुविधा का भी ख्याल नहीं रख पा रही है हमारा प्रदेश धान का कटोरा कहा जाता है और इस समय सरकार धान खरीदी का रिकार्ड बनाने जा रही है वर्षा की कमी का रोना रोते रोते सरकार ने ४२ लाख मेट्रिक टन धान की खरीदी कर ली है , जबकि ये कहा जा रहा है की पुरे प्रदेश में भी कुल इतने रकबे में बोआई ही नहीं हुई तो ये धान कहा से आई वही एक दैनिक नवभारत को कृषि विभाग यह बताता है की पिछाले वर्ष से ७-८ लाख में. टन धान का उत्पादन कम हुआ है १ इन परिस्थितियों में विरोधाभास समझ के परे है ये सरकार की नोटंकी नहीं तो क्या है अजय त्रिपाठी
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2 comments:
सहीं कह रहे हैं अजय भईया पूरी तरह नौटंकी.
mahgai or bhrstaachar bhart ko piche le jarahe hai
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