दो किशोरों 13 वषीüय अमेरिकी छात्र जॉर्डन रोमेरो और 16 वर्षीय भारतीय छात्र अर्जुन वाजपेयी ने विश्व की सबसे ऊंची चोटी एवरेस्ट फतह कर इतिहास रच दिया । जब 13 वर्षीय अमेरिकी छात्र ने माउंट एवरेस्ट पर फतह करने का निर्णय किया था तो उसकी हर कहीं आलोचना हुई थी लेकिन शनिवार को इस छात्र ने आलोचकों को गलत साबित कर दिया। वह विश्व की सबसे ऊंची चोटी पर चढ़ाई करने वाला सबसे युवा पर्वतारोही बन गया है। कैलीफोर्नियाई जॉर्डन रोमेरो और अर्जुन वाजपेयी ने तिब्बत के रास्ते यह चढ़ाई शुरू की थी। सबसे जॉर्डन ने 10 वर्ष की उम्र में अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी माउंट क्लिीमैनजारो पर चढ़ाई की थी। इसके बाद से ही उनका सातों महाद्वीपों की सात ऊंची चोटियां फतह करने का सपना रखता था। जॉर्डन को एवरेस्ट पर चढ़ाई के लिए उनके पिता पॉल रोमेरो और उनकी मित्र करेन लंडग्रेन ने प्रशिक्षित किया था। इससे पहले सबसे युवा पवर्तारोही का खिताब मिंग कीपा शेरपा के नाम था। उन्होंने 2003 में 15 साल की उम्र में एवरेस्ट पर चढ़ाई की थी।
वहीं बारहवीं कक्षा के दिल्ली के 16 वर्षीय भारतीय छात्र अर्जुन वाजपेयी ने भी उसी दिन चढ़ाई शुरू की थी जिस दिन जॉर्डन ने की थी लेकिन उन्होंने नेपाल से यह चढ़ाई शुरू की थी। अर्जुन एवरेस्ट पर फतह हासिल करने वाले सबसे युवा भारतीय बन गए हैं। अर्जुन ने भी आजह ही माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा लहराया। इसके साथ ही अर्जुन दुनिया के दूसरे किशोर बन गए हैं जिसने इतनी कम उम्र में एवरेस्ट पर फतह हासिल की है।
Saturday, May 22, 2010
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