छत्तीसगढ़ सहित नक्सल प्रभावित राज्यों की योजनायो के सम्बन्ध में केन्द्रीय मंत्री अजय माकन का जबाब लोकसभा को तो संतुस्ठ कर सकता है लेकिन उन पीड़ित राज्य के नागरिक कभी इससे संतुस्ठ नहीं होंगे गृह राज्य मंत्री ने आज लोक सभा में बताया कि योजना आयोग नौ राज्यों में वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित 35 संकेन्द्रित जिलों में 9 प्रमुख विकासात्मक योजनाओं के कार्यान्वयन तथा अनुसूचति जनजाति एवं अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की पहचान) अधिनियम, 2006 के क्रियान्वयन की ऑन लाइन निगरानी करता रहा है। नौ प्रमुख अग्रणी योजनाएं हैं- प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई), राष्ट्रीय ग्राम स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम), आश्रम विद्यालय, महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (एमजीएनआरईजीए), सर्व शिक्षा अभियान (एसएसए), राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम (एनआरडीडब्ल्यूपी), राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना (आरजीजीवीवाई), एकीकृत बाल विकास सेवाएं (आईसीडीएस) तथा इंदिरा आवास योजना (आईएवाई)।
अग्रणी योजनाओं के कार्यान्वयन की निगरानी करने के लिए योजना आयोग द्वारा जिला प्राधिकारियों, राज्य सरकारों तथा संबंधित मंत्रालयों के साथ नियमित रूप से वीडियो कान्फ्रेन्स बैठकें की जाती हैं। इसके अतिरिक्त, मंत्रिमंडल सचिव की अध्यक्षता में कार्यबल विभिन्न केद्रीय मंत्रालयों की विकासात्मक योजनाओं के कार्यान्वयन से संबंधित मामलों की निगरानी और समन्वय करता है। ये सब की सब सच होंगी लेकिन माननीय मंत्री जी इससे लाभ क्या हो रहा है क्या वहा आपके अनुसार विकास हो गया है नहीं ये सब कागज और विडिओ तक है यदि आप वास्तविकता जानना चाहते है तो जहा योजना क्रियान्वयन हो रहा है वहा के नागरिको की समिति बनाये , अधिकारी विधायक ,संसद यदि जिम्मेदार होते तो आज न भ्रस्टाचार बढाता न विकास अवरुद्ध होता और न ये वाम -नक्सली आन्दोलन जन्म होते ,................... मंत्री जी युवा है शायद समझेंगे देश उनका ही है राज उन्हें ही करना वर्ना राहुल गाँधी के नेत्रत्व में गुलामी की और ले जाओगे क्या .............
वास्तविकता के लिए नागरिको की समिति बनाये
Tuesday, August 3, 2010
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