Thursday, August 26, 2010

सांसद ध्यान दे

सांसद ध्यान दे , वित्तीय स्वार्थ से जोड़ कर देखना तो बंद करे

अभी मै नेट पर एक विश्‍लेषण देखा, लगा की देश कर्णधार, लोकतंत्र में समाजों के सेवक, ये कर क्या रहे है, कि जनता ९५% विरोध में मत दे रही है ।

"सांसदों के वेतन एवं भत्‍तों में तीन गुणा से भी ज्‍यादा वृद्धि के बाद सरकार को प्रत्‍येक सांसद पर सालाना 60 लाख रुपए खर्च करने पड़ेंगे।
सांसदों के संसद और उनके निर्वाचन क्षेत्रों में प्रदर्शन को देखते हुए क्‍या यह उचित कदम है?
हां 4%
नहीं 95%
कह नहीं सकते 1% "

भारत की जनता का पर्याय बन चुके नेट, बुध्‍दि वादी जनता नेट से जुडी हुयी और आप लोग आखे बंद कर उस प्राणी की कहावत जैसा आपनी वेतन पर वेतन बडा़ये जा रहे हो, ऊपर के परिणाम को देखें लेकिन ये बात के समर्थक भी है लेकिन उनकी भी एक विचार है कि इस फेसले से घूस खोरी,रिश्वत खोरी कम होगी, टीक है आप लोगो ने आखे बंद कर या जनता की बिना राय जाने आपना वेतन बढ़ा लिया तो कम से कम आपने आचरण से दुसरे विचार को चरितार्थ कर दे याने कम से कम आम भ्रस्ताचार पर तो रोक लगाये छोटी मोती चीजो को आपने वित्तीय स्वार्थ से जोड़ कर देखना तो बंद करे।

1 comment:

संजय ठाकुर said...

बहुत अच्छे अजय भई , संसद सुधर जाये तो देश सुधर जायेगा

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