ब्लैकबेरी फोन बनाने वाली कंपनी रिसर्च इन मोशन (रिम) भारत सरकार को सभी डाटा उपलब्ध कराने को लेकर राजी हो गई अब ब्लैकबेरी विवाद समाप्त हो रहा है। अब रिम कानून के तहत खुफिया एजेंसियों को काल्स, मैसेज की जांच करने देगा अब ब्लैकबेरी सेवाओं से किसी भी व्यक्ति के फोन और संदेश टैप करने में आसानी होगी और आतंकवादियों द्वारा इन सेवाओं का इस्तेमाल करने की स्थिति में उनकी साजिश का पर्दाफाश भी किया जा सकेगा। इस कार्य के लिए ब्लैकबेरी भारत में अपना सर्वर स्थापित करेगा सूत्रों के अनुसार रिम को दो महीने की मोहलत दी गई है।
भारत सरकार ने ब्लैकबेरी को सुरक्षा संबंधी चिंताओं को दूर करने के लिए 31 अगस्त तक का समय दिया था। अन्यथा उसकी कुछ सेवाओं को प्रतिबंधित किया जा सकता था।समयसीमा के एक पहले रिम ने अपनी सभी सेवाओं पर भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के तत्काल प्रभाव से एक्सेस का वायदा कर दिया। भारत सरकार की यह एक उपलब्धि कही जा सकती है सारे दबावों के बाद भी भारत ने यहाँ की जनता की भावना के अनुकूल निर्णय ले कर जनता का सर उंचा किया है
यह कहा गया है की रिम सुरक्षा एजेंसियों को पूर्ण डाटा एक्सेस प्रदान करेगी। ब्लैकबेरी सेवाओं से सुरक्षा मसलों की समीक्षा 60 दिन में की जाएगी और इस बीच दूरसंचार विभाग (डीओटी) भारत में स्थापित सर्वर के जरिए ऐसी सेवाएं मुहैया कराने की व्यवहार्यता का अध्ययन करेगा कंपनी ने मैनुअल एक्सेस का प्रस्ताव भी रखा था, जिसे सुरक्षा एजेंसियों ने यह कहकर नकार दिया था कि वह किसी व्यक्ति का फोन टैप करने से जुडी जानकारी कंपनी या किसी अन्य पक्ष के साथ नहीं बांट सकती। अभी भारत में 900 से अधिक निगमित घराने और कंपनियां तथा लगभग दस लाख लोग ब्लैकबेरी सेवाओं का इस्तेमाल करते हैं।
Monday, August 30, 2010
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3 comments:
WELL-COME
अजय भाई, कहाँ गायब हैं. कई दिन हो गए आपको दिखे.
अच्छी जानकारी ।
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