Monday, March 15, 2010
भारत जेसे देश के लिए ये आधुनिक फेसला विदेशी शिक्छा kendra
भारत सरकार का अहम् फेसला के अनुसार विदेशी शिक्छा केन्द्रों को देश में प्रवेश का राश्ता साफ होने जा रहा है देश के बच्चो को शिक्छा देना सरकार का कर्त्तव्य रहा है जो अभी कुछ दिनों पूर्व एक फेसले में मूल अधिकार बन रहा है शिक्छा का लोकव्यापी करण जरुरी है इस सम्बन्ध में बी बी सी के अनुसार उपकुलपति भट्टाचार्य ने कहा की कई विदेशी यूनिवर्सिटियाँ कुछ विश्वविद्यालयों से अनुबंध करके कुछ विषयों में डिग्रियां दे रहीं थीं और अब इस स्वकृति से एक अनौपचारिक सिलसिले को औपचारिकता मिल जाएगी."उनका कहना था कि इस समय शिक्षा एक ग्लोबल गतिविधि है और ऐसा होना स्वाभाविक है. भारत जेसे देश के लिए ये आधुनिक फेसला कहा जायेगा छत्तीसगढ़ में शिक्छा गेर शासकीय वि वि की शुरुवात श्री अजित जोगी ने की थी जिसे राजनेतिक अवम अपने अधिकारों के हनन समझ देश शिक्छा के तथाकतिथ शासकीय टेकेदरो ने मुद्दा बना न्यालायीं प्रक्रया में नेस्ट नाबूत कर दिया था , यदि वो उस वक्त चल जाता तो एन ८-९ वरसो में हम आगे होते ,हा ये जरुर कुछ शुरुवाती खामिया हो सकती थी जो धरातल पर सुधर जाती ! शिक्छा के मूल अधिकारों में जिन बातो पर चर्चा हो चुकी है उन्हें जरुर जोड़ना चाहिए और प्रारंभ से कडाई से पालन होना चाहिए तभी इसकी सार्थकता होगी
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3 comments:
सही कहा है आपने ।
प्रारंभ से कडाई से पालन होना चाहिए तभी इसकी सार्थकता होगी..सही है.
desh ka peisa desh me rahe eska bhi jugad karo
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