Sunday, April 18, 2010

शशि थरूर का इस्तीफा काला रविवार को

आईपीएल आयुक्त ललित मोदी के साथ शुरू हुए मसले में विदेश राज्य मंत्री शशि थरूर इस्तीफा को देना पड़ा आज रात प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने उन्हें बुला कर उनसे इस्तीफा ले लिया। कोच्चि टीम विवाद को लेकर को सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने उन्हें किसी भी कठिन फैसले के लिए तैयार रहने को कह दिया था।

प्रधानमंत्री आवास में संप्रग की अध्यक्ष सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह के बीच इस मसले पर हुई। बातचीत के कुछ देर बाद इस बैठक में प्रणब मुखर्जी, कांग्रेस अध्यक्ष के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल, ए.के. एंटनी पी. चिदंबरम भी शामिल हो गए। इस बैठक में थरूर की विदाई को सरकार के हित में माना गया

थरूर ने तुरंत सात रेस कोर्समें प्रधानमंत्री को अपना इस्तीफा सौंप दिया।
कई बार अपनी टिप्पणियों के लिए विवाद में फंस चुके थरूर को मंत्रिमंडल से 'आउट' करने के पक्ष में सभी सदस्य एक राय थे कांग्रेस को इस विवाद में जनता के बीच गए राजनीतिक संदेश से परेशानी हुई थी थरूर ने इस मामले में सोनिया गांधी, प्रणब मुखर्जी और ए.के. एंटनी को पूरी सफाई देने की कोशिश की थी उन्होंने संसद में व्यक्तिगत स्तर पर बयान भी दिया था। अपने नेताओं से मुलाकात के दौरान वह लगातार कहते रहे कि 'इस्तीफे का मतलब होगा विपक्ष के आरोपों को सही मान लेना।' उन्होंने कोच्चि टीम के बहाने केरल के मान-सम्मान का मामला भी बनाने की कोशिश की, लेकिन उनकी हर कोशिश अंतत: नाकाम साबित हुई। और आज उन्हें काला रविवार को इस्तीफा देना पड़ा थुरूर की राजनीती vidsh सेवा से शुरू हुई थी उनकी कई और खूबियों में इंटरनेट ,तुएटर के राजनितिक इस्तेमाल की थी जिसका अनुशरण और लोग भी करना चालू कर चुके थे वो सीधे बिना जनता सेवा के नेता बनाना चाहते है देस की राजनीती जनता सेवा पर आधारित है कोंग्रेस ने गाँधी परिवार के साथ स्वत्रंता के आन्दोलन ले कर आज राहुल गाँधी तक इंदिरा जी राजीव जी के प्राण गवाने के बाद भी सीधे जनता से संवाद कर ने अपनी जान हथेली पर रख गाव गाव शहर शहर धूल खाते घूम रहे है

2 comments:

Udan Tashtari said...

कल की खबर देखेंगे.

hemant said...

maja aa gaya

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