दीपावली प्रकाश का पर्व है तथा दिवाली प्रकाश पर्व की मान्यता यही है कि इस दिवाली दिवस को प्रतीक रूप से मनाया जाए तथा अंधकाररूपी अज्ञानता का समूल नष्ट किया जाए, क्योंकि प्रकृतिजनित अधंकार तो कुछ समय किन्तु मन का अंधकार यदि पल्लेवित मन का अंधकार यदि पल्लेवित होता रहा तो मानवता पर कंलक सिध्द होगा।
भारत भूमि पर सदैव विलक्षण प्रयोग होते रहे है। भारतीय संस्कृति अपनापन और आत्मीय संबंधों का जीवत एंव हृदयग्राही उदाहरण प्रस्तुत करती है। दिवाली जैसे महापर्वों की अटूट श्रृंखला ने हमेशा जनमानस को निराशा एंव कुठाओं से उबारकर नित्य विश्वास संजोने जैसे अवसर देती है। भारत के विभिन्न पर्व अपनी सार्थकता व्यक्त करते हुए अपनी अनिवार्याता का बोध कराते ही रहे है । दिपावली महापर्व है, दिवाली पर्वों का संगम है।
भारत में मनाए जाने वाले किसी भी पर्व का आंकलन करें तो स्पष्ट होगा कि सभी पर्व अपनी विशिष्टता लिये हुये है । चाहे होली हो अथवा दीपावली, दशहरा हो अथवा रक्षाबंधन सभी पर्वो का कोई न कोई अर्थ हो, जो उन्हें प्रकृति एंव संस्कृति ने दर्शाता है ,इसी श्रृंखला में मुख्य पर्व दीपावली के साथ अनेक विशिष्टताएं जुड़ गईं है ।जिनके कारण यह पर्व विशिष्ट संदर्भो में अपनी वैश्विक उपस्थिति अंकित कराने में समर्थ हुआ।
Thursday, October 15, 2009
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
Blog Archive
-
▼
2009
(19)
-
▼
October
(15)
- बीबीसी के मेरे मित्र विनोद वर्मा की दुष्कर यात्रा
- अशोक चौहान, कृपाशंकर सिंह, सुशील कुमार शिन्दे के ब...
- कांग्रेस को 3-0 की बढ़त
- नई ट्रेन 1 नवंबर से छत्तीसगढ़ को सौगात
- बेस्ट हेरीटेज टूरिज्म स्टेट छत्तीसगढ़
- ईमानदारी पर नजर रखने वाली नजरों का अकाल
- मिठाई की मिठास पर बाजारवाद हावी
- हैप्पी ज्यादा शक्कर दीपावली
- लक्ष्मी योग
- प्रेसिडेन्ट ओबामा दीवाली वीडिओ
- डॉ. संजय तिवारी को राष्ट्रीय रिसर्च अवार्ड
- केलीफोर्निया में भगवान बालाजी का मंदिर
- संस्कृत भाषा के बहुत पास है छत्तीसगढ़ी भाषा
- दीप उत्सव में भगाइए मन का अंधकार
- धनतेरस
-
▼
October
(15)
2 comments:
deep deep awali bane
mann mein ek sankalp paley
timir tam mitana mitayenge
Gyaan ka deep jalayenge...
एकदम सटीक बात कही है आपने, आपको भी मेरी तरफ से दीपावली की हार्दिक शुभकामनाये !
Post a Comment